Monday, April 28, 2025
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आदित्य पालेचा और कैवल्य वोहरा का अगला लक्ष्य ज़ेप्टो को भारत से बाहर ले जाना और त्वरित-वाणिज्य में वैश्विक नेता बनना है। जैसा कि अदित कहते हैं, हमने अभी शुरुआत ही की है।

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मुंबई: दो युवा दोस्तों ने घर घर ग्रोसरी का सामान पहुँचाने का ऑनलाइन एक व्यवसाय शुरू किया जो आज की सबसे बड़ी ज़रुरत थी और इस कंपनी का नाम Zepto है जो केवल 10 मिनट में हर घर तक किराने का सामान पहुंचाने का वादा करता है। आदित्य पालेचा और कैवल्य वोहरा, इन दोनों लोगों ने साल 2021 में महज 19 साल की उम्र में Zepto नाम की कंपनी शुरू की थी। और महज चार साल में यह कंपनी 5 बिलियन डॉलर से भी अधिक वैल्यू वाली कंपनी बन चुकी है।

कंपनी कितनी तेजी से बढ़ी है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि कंपनी की शुरुआत के केवल कुछ ही महीने में कंपनी की नेटवर्थ 7 हजार 300 करोड़ से भी अधिक हो गई थी। इतना ही नहीं, zepto के पास भारत के 10 बड़े शहरों जैसे मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली एनसीआर, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, जयपुर और लखनऊ में 250 से अधिक डार्क स्टोर्स हैं। इस कंपनी का मुख्यालय पहले मुंबई में था, क्योंकि इसकी शुरुआत मुंबई से हुई थी, लेकिन अब बेंगलुरु में स्थानांतरित कर दिया गया है।

ज़ेप्टो के दिल्ली एनसीआर में कई डार्क स्टोर हैं, जिनमें दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद शामिल हैं। कंपनी के दो मालिक, आदित्य पालीचा और कैवल्य वोहरा बचपन के दोस्त थे, आदित्य पालीचा का जन्म 2001 में मुंबई में हुआ था, जबकि उनके साथी कैवल्य वोहरा का जन्म 2003 में बेंगलुरु में हुआ था। लेकिन बचपन की दोस्ती के कारण दोनों ने एक साथ अपना बिजनेस शुरू किया और आज बहुत कम उम्र में दोनों दोस्त अरब पति बन चुके हैं।

हालांकि इसकी शुरुआत आदित्य पालेचा ने की थी और आदित्य पालेचा ने सबसे पहले 17 साल की उम्र में गो पूल नाम से स्टार्टअप शुरू किया था। लेकिन उसके बाद वह कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चले गए और वहां स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, लेकिन उन्हें अपनी नई फर्म शुरू करनी थी और बीच में कोरोना भी आ गया, तो इसलिए साल 2020 में वह अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत वापस आ गए। और फिर साल 2021 में दोनों ने मिल्कर ज़ेप्टो की शुरुआत की, हालांकि यह एक जोखिम भरा फैसला था, लेकिन किस्मत ने उनका साथ दिया और आज दोनों दोस्त बहुत ही कम उम्र में अरबपति बन गए हैं।

शुरुआत में उनका पहला उद्यम “कराना कार्ट” था, जो स्थानीय दुकानों से किराने की डिलीवरी का एक छोटा स्टार्ट-अप विचार था। ये आइडिया ज्यादा काम नहीं आया, फिर उन्हें आइडिया आया कि भारत में लोग क्विक सर्विस चाहते हैं. और उन्होंने देखा कि स्विगी इंस्टामार्ट और ब्लैंकेट जैसी कंपनियों ने यह सेवा प्रदान करना शुरू कर दिया है और वे सफल हैं, बस इन कंपनियों को प्रेरणा मिली और उन्होंने Zepto की शुरुआत की। और उन्होंने कहा कि हम सिर्फ 10 मिनट में आपके घर तक किराने का सामान पहुंचा देंगे।

और जब उन्होंने अपना वादा पूरा करना शुरू किया तो लोगों का भरोसा बढ़ा और कारोबार चल निकला। शुरुआत में, उनके पास केवल एक छोटी सी टीम और कुछ ही डार्क स्टोर थे, लेकिन अब एक हज़ार से भी अधिक लोग zepto के लिए काम करते हैं।

ज़ेप्टो की सफलता का रहस्य इसकी गति और प्रौद्योगिकी थी। 2021 में, जब उन्होंने मुंबई में अपना पहला डार्क स्टोर खोला, तो उनका लक्ष्य बहुत स्पष्ट था। इसका मतलब है किराने की दुनिया को बदलना था और पहले वर्ष में, Zepto ने 1 मिलियन से अधिक ऑर्डर पूरे किए। कंपनी के सीईओ आदित्य पालेचा कहते हैं, “हमने देखा कि लोग इंतजार नहीं करना चाहते थे। लोग त्वरित सेवा चाहते हैं, इसलिए हमने लोगों की उस बदलती आदत को एक अवसर में बदल दिया। यही कारण है कि ज़ेप्टो आज भारत के त्वरित-वाणिज्य क्षेत्र में अग्रणी है।

आदित्य पालेचा और कैवल्य वोहरा का अगला लक्ष्य ज़ेप्टो को भारत से बाहर ले जाना और त्वरित-वाणिज्य में वैश्विक नेता बनना है। जैसा कि अदित कहते हैं, हमने अभी शुरुआत ही की है। आदित्य पालेचा और कैवल्य वोहरा की कहानी हर उस युवा के लिए एक सबक है जो बड़े सपने देखते हैं। और इन दो लड़कों ने साबित कर दिया कि उम्र या अनुभव कोई मायने नहीं रखता, दृढ़ संकल्प और नवप्रवर्तन सफलता की कुंजी हैं।

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