Tehran: 13 जून 2025 को इज़राइल ने ईरान पर एक बड़े पैमाने पर सैन्य हमला किया, जिसे इज़राइल ने ऑपरेशन राइज़िंग लॉयन (Operation Rising Lion) या हिब्रू में एम केलावी (Am KeLavi) नाम दिया। यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम, सैन्य ठिकानों और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाकर किया गया। यह इरान पर इज़राइल का अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है, और यह इरान-इराक युद्ध के बाद इरान पर सबसे बड़ा हमला है।
- समय और स्थान:
- हमला 13 जून 2025 की सुबह जल्दी शुरू हुआ, स्थानीय समयानुसार लगभग 3:00 बजे।
- हमले के मुख्य लक्ष्य तेहरान, नतांज़, इस्फ़हान, तबरेज़, शिराज़, अराक, करमनशाह, खोंदाब, और खोरमाबाद जैसे शहरों में थे।
- इज़राइल ने 200 से अधिक लड़ाकू जेट विमानों का उपयोग किया और लगभग 100 लक्ष्यों पर हमले किए।
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- परमाणु सुविधाएं:
- नतांज़, जो इरान का प्रमुख यूरेनियम संवर्धन केंद्र है, पर बड़े पैमाने पर हमला किया गया। इस सुविधा को गंभीर नुकसान पहुंचा, हालांकि कुछ हिस्से भूमिगत होने के कारण पूरी तरह नष्ट नहीं हुए।
- परमाणु सुविधाएं:
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- खोंदाब और खोरमाबाद में परमाणु साइटों को भी निशाना बनाया गया।
- अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की कि नतांज़ पर हमला हुआ, लेकिन फोर्डो और बुसहेर जैसी अन्य साइटें प्रभावित नहीं हुईं।
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- सैन्य ठिकाने:
- तेहरान के आसपास इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के मुख्यालय और सैन्य अड्डों पर हमले।
- रडार सिस्टम, सतह से हवा में मार करने वाली मील, और बैलिक मिसाइल भंडारण स्थल नष्ट किए गए।
- करमनशाह में एक भूमिगत मिसाइल भंडारण सुविधा को निशाना बनाया गया।
- सैन्य ठिकाने:
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- वर सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक:
- IRGC के कमांडर-इन-चीफ हुसैन सलामी और ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जर्नल मोहम्मद बघेरी की हत्या की पुष्टि हुई।
- परमाणु वैज्ञानिक फरियदून अब्बासी-दवानी और मोहम्मद मेहदी तहरांची भी मारे गए।
- IRGC के एयरोस्पेस फोर्स के कमांडर अमीर अली हाजीज़ादे और खातम अल-अनबिया मुख्यालय के कमांडर मेजर जनरल गोलमाली रशीद की भी मौत हुई।
- वर सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक:
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- कुल मिलाकर, 20 से अधिक वर सैन्य कमांडर और छह परमाणु वैज्ञानिक मारे गए।
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- आवासीय क्षेत्र:
- सैन्य कमांडरों के निजी घरों और तेहरान में सुरक्षित आवासीय परिसरों को भी निशाना बनाया गया, जिससे नागरिक हताहत हुए।
- आवासीय क्षेत्र:
- हमले की रणनीति:
- इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) और मोसाद ने संयुक्त रूप से हमले को अंजाम दिया।
- मोसाद ने इरान की वायु रक्षा प्रणालियों और मिसाइल बुनियादी ढांचे पर गुप्त तोड़फोड़ मिशन चलाए।
- हमले को “प्रीमेप्टिव स्ट्राइक” (पूर्व-निवारक हमला) कहा गया, जिसका उद्देश्य इरान के परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को रोकना था।
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- इज़राइल ने इरान की वायु रक्षा प्रणालियों, विशेष रूप से S-300 सिस्टम, को पहले ही कमजोर कर दिया था, जिससे हमला आसान हो गया।
- हमले का कारण
- परमाणु खतरा:
- इज़राइल का दावा है कि इरान 60% शुद्धता तक यूरेनियम संवर्धन कर रहा था, जो हथियार-ग्रेड स्तर के करीब है।
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- मई 2024 में, अमेरिकी थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी ने अनुमान लगाया कि इरान एक सप्ताह में एक परमाणु बम के लिए पर्याप्त हथियार-ग्रेड यूरेनियम और एक महीने में सात बमों के लिए पर्याप्त यूरेनियम बना सकता है।
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- जून 2025 में, IAEA ने 20 वर्षों में पहली बार इरान को अपनी परमाणु दायित्वों का पालन न करने वाला घोषित किया।
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- इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि अगर इरान को नहीं रोका गया, तो वह “कुछ महीनों में” परमाणु हथियार बना सकता है, जो इज़राइल के अस्तित्व के लिए “स्पष्ट और वर्तमान खतरा” है।
- इरान की बयानबाजी:
- इरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने इज़राइल को “कैंसरस ट्यूमर” कहा और उसका विनाश करने की बात दोहराई।
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- इरान ने हमास और हिज़बुल्लाह जैसे प्रॉक्सी समूहों के माध्यम से इज़राइल पर हमले किए, जिससे तनाव बढ़ा।
- पिछले हमले और जवाबी कार्रवाई:
- अप्रैल और अक्टूबर 2024 में इरान ने इज़राइल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिन्हें ऑपरेशन “ट्रू लॉज” 1 और 2 कहा गया।
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- इज़राइल ने 26 अक्टूबर 2024 को इरान पर जवाबी हमले किए, जिससे इरान की वायु रक्षा और मिसाइल उत्पादन क्षमता को नुकसान पहुंचा।
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- 31 जुलाई 2024 को हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या और 27 सितंबर 2024 को हिज़बुल्लाह के नेता हसन नस्रल्लाह की हत्या के लिए इरान ने इज़राइल को जिम्मेदार ठहराया।
सैन्य जवाब:
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- इरान ने 13 जून को इज़राइल की ओर लगभग 100 ड्रोन लाए, जिन्हें इज़राइल और जॉर्डन ने इंटरसेप्ट किया।
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- अभी तक इरान ने बड़े पैमाने पर जवाबी मिसाइल हमले शुरू नहीं किए हैं, संभवतः क्योंकि इज़राइल ने इरान के मिसाइल लॉन्च साइट्स और भंडार को नष्ट कर दिया।
आर्थिक प्रभाव
- हमले के बाद वैश्विक बाजारों में हलचल मच गई। ब्रेंट क्रूड तेल की कीमतें 7-12% बढ़कर 74 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गईं, जो इस साल की सबसे बड़ी दैनिक वृद्धि थी।
- अमेरिकी शेयर वायदा में गिरावट आई, क्योंकि क्षेत्र में व्यापक युद्ध की आशंका बढ़ गई।
13 जून 2025 का इज़राइली हमला इरान-इज़राइल संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इसने इरान के परमाणु कार्यक्रम और सैन्य नेतृत्व को गंभीर नुकसान पहुंचाया, लेकिन क्षेत्र में तनाव और युद्ध का खतरा बढ़ गया है। इरान की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कार्रवाई इस स्थिति के भविष्य को निर्धारित करेगी।