America: अमेरिका से 112 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक सैन्य विमान रविवार (16 फरवरी) रात को अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा. सूत्रों के अनुसार, C-17 सैन्य विमान रात 10:03 बजे अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा. यह अवैध प्रवासियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा किए गए निर्वासन का तीसरा चरण था.
इस विमान में कुल 112 निर्वासित लोग सवार थे. इनमें हरियाणा से 44, गुजरात से 33, पंजाब से 31, उत्तर प्रदेश से 2 और उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश से 1-1 व्यक्ति शामिल थे. इन निर्वासितों में 19 महिलाएं और 14 नाबालिग बच्चे भी थे, जिनमें दो शिशु थे. सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि कुछ प्रवासियों ने दावा किया कि यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ी और ज़ंजीरों में बांधकर भेजा गया था, जिससे उनके साथ अत्याचार हुआ.
पिछले 24 घंटों में यह दूसरी बार था जब अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा. शनिवार (15 फरवरी) रात भी एक विमान ने 116 प्रवासियों को लेकर अमृतसर हवाई अड्डे पर लैंड किया था. इस दूसरे जत्थे में पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से 8, उत्तर प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर से 1-1 व्यक्ति शामिल थे. इन निवासियों में अधिकतर लोग 18 से 30 साल की उम्र के थे.
अमेरिका से भारत वापस भेजे गए अवैध प्रवासियों का पहला जत्था 5 फरवरी को अमृतसर पहुंचा था. इस जत्थे में मुख्य रूप से पंजाब के लोग शामिल थे. कई प्रवासियों ने बताया कि वह बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका गए थे, लेकिन धोखाधड़ी के कारण उन्हें अमेरिका सीमा पर पकड़ लिया गया और बेड़ियों में जकड़कर वापस भेज दिया गया.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है और आरोप लगाया कि BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जानबूझकर अमृतसर को इन निर्वासन उड़ानों का केंद्र बना रही है, जिससे पंजाब की छवि खराब हो रही है. उन्होंने कहा, “जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिल रहे थे, तब हमारे लोगों को ज़ंजीरों में जकड़ा जा रहा था. क्या यही ट्रंप का भारत को दिया गया तोहफा है. मान ने केंद्र सरकार से यह सवाल भी पूछा कि अमृतसर को इस लैंडिंग के लिए किस आधार पर चुना गया.
पंजाब सरकार ने निर्वासित प्रवासियों की वापसी के बाद उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की. पंजाब के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा उनके लिए स्वास्थ्य और परिवहन संबंधी सुविधाओं का ध्यान रखा गया. इसके अलावा, हरियाणा और अन्य राज्यों के निर्वासितों के लिए भी उनके ग्रह स्थानों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई.
अवैध प्रवासियों की वापसी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक राजनितिक विवाद खड़ा हो गया है. जहां केंद्र सरकार ने इसे अमेरिकी सरकार के साथ समझौते के तहत एक सामान्य प्रक्रिया बताया है, वहीं पंजाब सरकार इस पर सवाल उठा रही है और इसे एक राजनितिक साज़िश के रूप में देख रही है.