लखनऊ: साल 2013 में उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ के कुंडा में तत्कालीन DSP जियाउलहक की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में 11 साल बाद बड़ा फैसला आया है जब सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 10 आरोपियों को दोषी ठहराया है.
2 मार्च 2013 में कुंडा के बल्लीपुर गाँव में वहां के प्रधान नन्न्हे यादव की हत्या कर दी गई थी, तभी तत्कालीन सीओ जियाउलहक बल्लीपुर गाँव में पहुंचे थे, लेकिन गाँव की भीड़ ने जियाउलहक की भी हत्या कर दी थी. इस दौरान जब जियाउलहक को ग्रामीणों ने घेर लिया था तो पुलिस वाले और उनके साथी उन्हें छोड़ कर खेतों में छिप गए थे. इस तरह भीड़ ने अकेले पाकर जियाउलहक को पहले लाठी डंडों से पीता, उसके बाद गुस्साई भीड़ ने उन्हें गोली मार दी थी और उसके बाद प्रधान नन्न्हे यादव के भाई सुरेश यादव की भी हत्या कर दी गई थी.
इस तेहरे हत्याकांड से देश भर में हंगामा मच गया था, और उस समय की समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव की सरकार ने इस केस को सीबीआई के हवाले किया था. जियाउलहक की पत्नी परवीन आजाद ने 4 FIR दर्ज करवाया था, जिस में कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ रजा भय्या और उनके बेहद करीबी रहे गुलशन यादव का नाम भी शामिल था.
आखिरकार सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने घटना के 11 साल बाद इस केस में 10 लोगों को DSP जियाउलहक की हत्या का दोषी पाया है. जिन 10 लोगों को दोषी पाया गया है, उने के नाम हैं: फूल चाँद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटे लाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिव राम पासी और जगत बहादुर. वहीँ इस हत्याकांड में रजा भय्या और गुलशन यादव को पहले ही सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी थी.
DSP जियाउलहक की हत्या के समय उनकी पत्नी परवीन आजाद लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की पढाई कर रही थीं. समाजवादी पार्टी की सरकार ने DSP जियाउलहक की हत्या के बाद उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था, और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद DSP जियाउलहक के परिवार वालों से मिलने उनके घर भी गए थे.
DSP जियाउलहक का घर उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के खुखुन्दू थाना छेत्र के जुआफर गाँव में था, हत्या के कुछ ही समय पहले उनकी शादी परवीन आजाद से हुई थी. फ़िलहाल जियाउलहक़ के पिता शम्शुल्हक 80 वर्ष के हो चुके हैं और उनकी माँ हाजरा खातून 78 वर्ष की हैं. उनके छोटे बेटे सोहराब की पत्नी दोनों की देख भाल करती हैं, जब सीबीआई के इस फैसले के बारे में मीडिया के लोग उनके घर बात करने पहुंचे और बताया कि सीबीआई ने 10 लोगों को दोषी पाया है तो जियाउलहक के बूढ़े माँ बाप की ऑंखें भर आईं, माँ ने बस इतना ही कहा कि मेरा बीटा बहुत मेहनती था.