America: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया बेहद जटिल होती है, जिसमें लगभग 2 साल का समय लगता है. राष्ट्रपति चुनाव हर साल में नवंबर के पहले मंगलवार को होते हैं. अब की बार चुनाव 5 नवंबर को होने वाले हैं. इस चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार अपनी अपनी दावेदारी पेश करेंगे और मतदाता अपने वोट के ज़रिये अपने नेता का चुनाव करेंगे.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से एक साल पहले ही चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इस दौरान, दो मुख्य राजनीतिक दल, डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन अपने अपने उम्मीदवारों की घोषणा करते है. इसके साथ ही उम्मीदवार रैलियों और कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों से जुड़ने की कोशिश करते हैं, और जनता के सामने अपनी नीतियों को पेश करते हैं. इस चुनाव की प्रक्रिया में कई चरण होते हैं. प्राइमरी चुनाव, कॉकस चुनाव और फिर आम चुनाव शामिल होते हैं. प्राइमरी और कॉकस यह दो महत्वपूर्ण चरण होते हैं.
अमेरिका में चुनाव का पहला चरण प्राइमरी और कॉकस चुनाव हैं. इस चरण में नागरिक अपने पसंदीदा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन करते हैं. कॉकस में पार्टी सदस्य चर्चा के बाद वोटिंग करते है, जबकि प्राइमरी में लोग गुप्त वोटिंग द्वारा विभिन्न पार्टी के प्रतिनिधियों में से अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चुनते हैं. आयोवा, न्यू हैम्पशायर, नेवादा और साउथ कैरोलिना के परिणामों पर ख़ास ध्यान दिया जाता है, क्यूंकि यह अंतिम उम्मीदवार के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
दूसरा चरण में प्रत्येक पार्टी अपने प्रतिनिधियों का समर्थन लेकर अंतिम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन करती है. यदि प्राइमरी और कॉकस में कोई उम्मीदवार बहुमत नहीं प्राप्त करता है, तो कन्वेंशन में प्रतिनिधि मिलकर उम्मीदवार का चयन करते हैं. राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार अपने लिए एक उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का भी चयन करता है. तीसरा चरण आम चुनाव का होता है, इसमें अमेरिका के सभी राज्य के नागरिक राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के लिए वोट डालते हैं. वोटिंग मशीन पर उम्मीदवारों के नाम होते हैं. लोग वास्तव में अपने पसंदीदा इलेक्टर के लिए वोट डालते हैं, जो राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का समर्थन करते हैं.
चुनाव के अंतिम चरण में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से होता है. हर राज्य को उसकी जनसंख्या के आधार पर निर्वाचकों की संख्या दी जाती है. कुल निर्वाचक 538 होते हैं, और 270 वोट प्राप्त करने वाला उम्मीदवार जीत जाता है. इस प्रक्रिया में यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि आम चुनाव के परिणाम हमेशा राष्ट्रपति का चयन नहीं करते. कई बार उम्मीदवार को लोगों के वोटों में बहुमत न मिलने के बावजूद एलेक्टोरल वोटों में जीत जाते हैं. अंत में राष्ट्रपति का चयन जनवरी में होता है. यह सभी चरण मिलकर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को ख़ास और महत्वपूर्ण प्रक्रिया बनाते हैं.
अमेरिका में जैसे जैसे राष्ट्रपति चुनाव की तारीख नज़दीक आ रही है, कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच वार पलटवार की राजनीति तेज़ हो गई है. कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप दोनों अपने अपने चुनावी अभियान को मज़बूती से आगे बढ़ा रहे हैं. दोनों के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, जिससे चुनाव माहौल और भी गर्म हो गया है. इस साल होने वाले चुनाव को लेकर देश भर में काफी चर्चा और तैयारियां चल रही हैं. सभी की नज़र 5 नवंबर पर रहेंगी, जब अमेरिका जनता अपने नए नेता का चुनाव करेगी.