Tuesday, April 29, 2025
No menu items!

ज़ाफ़रान कहाँ पाया जाता है और इतना महंगा क्यों होता है

जम्मू कश्मीर के पंपोर क्षेत्र में केसर उगाया जाता है. यहां केसर के फूलों से निकला केसर बेहद महंगा होता है, जिसकी कीमत तीन से साढ़े तीन लाख रूपय प्रति किलो होती है

Must Read
Iram Fatima
Iram Fatima
मेरा नाम इरम फातिमा है। मैं मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हूं और मैंने पत्रकारिता करियर दो साल पहले एक अखबार के साथ शुरू किया था और वर्तमान में पिछले कुछ महीनों से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हूं और ग्लोबल बाउंड्री में असिस्टेंट कंटेंट प्रोडूसर के रूप में काम कर रही हूं।

Jammu & kashmir: कश्मीर जिसे अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, यह केसर के लिए भी प्रसिद्ध है. जिसे विश्व का सबसे कीमती पौधा माना जाता है, यह पौधा न केवल अपने सुगंधित फूलों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी उपयोगिता और मूल्य भी इसे विशेष बनाते हैं. कश्मीर के केसर को कश्मीरी मोंगरा भी कहा जाता है.

जम्मू कश्मीर के पंपोर क्षेत्र में केसर उगाया जाता है. यहां केसर के फूलों से निकला केसर बेहद महंगा होता है, जिसकी कीमत तीन से साढ़े तीन लाख रूपय प्रति किलो होती है. पंपोर में हर साल शरद ऋतु  के आते ही बैंगनी रंग के केसर के फूल खिलते हैं, जो पूरे क्षेत्र को महकाते हैं. कश्मीर का केसर विश्व बाज़ार में अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है. हालांकि, राजनितिक कारणों की वजह से केसर की खेती बुरी तरह प्रभावित हो रही है.

कश्मीर में केसर की खेती का इतिहास सदियों पुराना है. इसे मुगलों के समय से विशेष महत्व मिला, जब इसे राजसी दरबारों में एक महंगी वस्तु के रूप में प्रस्तुत किया जाता था. समय के साथ कश्मीर का केसर वैश्विक बाज़ार में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा. केसर के पौधे को उगाने के लिए समुद्रतल से लगभग 2000 मीटर ऊँची पहाड़ी क्षेत्र और शीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है. यह पौधा नमी को बनाए रखने वाली दोमट मिट्टी में अच्छी तरह उगता है. इसे जून से जुलाई के महीनें में बोया जाता है, और इसके फूल हर साल सितंबर से नवंबर के बीच खिलते हैं. फूलों के खिलने के बाद किसान उन्हें सावधानी से तोड़ते हैं, क्यूंकि एक किलो सूखे केसर के लिए लगभग 150000 फूलों की आवश्यकता होती है.

इन फूलों को चुनने के लिए कश्मीरी किसान कठिन मेहनत करते हैं. लेकिन, यदि बारिश या बर्फबारी फूलों के खिलने के बाद होती है, तो फसल खराब हो जाती है. केसर की खेती विशेष रूप से ठंडे जलवायु वाले इलाकों में होती है. इसके लिए आदर्श तापमान 10 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए. भारत में जम्मू कश्मीर के इलावा उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश में भी केसर की खेती होती है. कश्मीर में केसर की खेती का स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित होती है.

 

Author

  • Iram Fatima

    मेरा नाम इरम फातिमा है। मैं मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हूं और मैंने पत्रकारिता करियर दो साल पहले एक अखबार के साथ शुरू किया था और वर्तमान में पिछले कुछ महीनों से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हूं और ग्लोबल बाउंड्री में असिस्टेंट कंटेंट प्रोडूसर के रूप में काम कर रही हूं।

    View all posts

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

वक्फ संशोधन एक्ट पर केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाख़िल.

New Delhi: वक्फ संशोधन अधिनियम पर केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल 2025 को हलफनामा दाखिल कर दिया है और...

More Articles Like This