मुंबई: अमेरिकी राज्य न्यूयॉर्क की एक अदालत की ओर से भारतीय कारोबारी मंगौतम अडानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी की गई है। गिरफ्तारी वारंट की लिस्ट में गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अडानी ग्रीन एनर्जी कंपनी के सीईओ विनीत जैन सहित कुल 7 लोगों का नाम शामिल किया गया है।
दरअसल, गौतम अडानी की कंपनी और एक अमेरिकी कंपनी ने साझा रूप से ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में मिलकर काम करने का फैसला किया था और इन कंपनियों ने अमेरिका के लोगों का पैसा बांड के द्वारा जुटाया और उस पैसे को भारत में कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए कुछ अधिकारीयों के रिश्वत के तौर पर दिया है।
उर्जा के छेत्र में काम करने वाली अडानी ग्रुप की कंपनी ग्रीन एनर्जी ने भारत के पांच राज्यों छत्तीसगढ़, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में सौर्य ऊर्जा सप्लाई करने के लिए सरकारी कंपनी “सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया” के अधिकारियों को 2100 करोड़ से भी अधिक रु रिश्वत दी है।
यही कारण है कि अमेरिकी कोर्ट ने रिश्वत देने के आरोप में गौतम अडानी सहित कुल 7 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। वारंट जारी होने के बाद से ही भारत में शेयर मार्किट में लिस्टेड अडानी की सभी कंपनियों के शेयर्स में भारी गिरावट देखी गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लगभग साढ़े पांच लाख करोड़ रु का नुकसान हुआ है।
वहीँ इस अरेस्ट वारंट के बाद अडानी समूह की ओर से जवाब दिया गया, जिसमे कहा गया कि अडानी ग्रुप सभी नियमों का पालन करता है और जो भी आरोप लगाए गए हैं वो गलत हैं, और आरोप लगने के बाद किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
दरअसल, अमेरिकी कोर्ट को अडानी ग्रुप के लोगों के खिलाफ रिश्वत देने के पुख्ता सबूत मिले हैं और खबर है कि गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी के मोबाइल फोन में रिश्वतखोरी की पूरी जानकारी मिली है, जो उन्होंने अपने मोबाइल फोन में सेव कर रखी थी। इसमें सागर अडानी ने एक एक्सेल शीट में पीपीटी बनाकर रिश्वतखोरी की पूरी डिटेल तैयार की थी और उसमें कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया था और ये सारी डिटेल अमेरिकी कोर्ट के हाथ लग गई है। इसी आधार पर अडानी समेत सात लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।