Tuesday, April 29, 2025
No menu items!

180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद पर योगी सरकार ने चलाया बुलडोज़र

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि मस्जिद का तोड़ा जाना पूरी तरह से न्याय के खिलाफ है. और यह भी सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी थी, तो फिर इस मस्जिद पर क्यों कार्रवाई की जा रही है.

Must Read
Abida Sadaf
Abida Sadafhttp://globalboundary.in
आबिदा सदफ बीते 4 वर्षों से मीडिया से जुड़ी रही हैं। इन्किलाब अखबार से अपने पत्रकारिता जीवन की शुरूआत की थी। आबिदा सदफ मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जनपद की रहने वाली हैं.

Fatehpur: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले के ललौली कस्बे में स्थित नूरी मस्जिद के एक हिस्से को योगी सरकार ने तोड़ दिया. यह कदम सरकारी अधिकारीयों द्वारा सड़क चौड़ीकरण के लिए उठाया गया है. यह कार्रवाई, खासतौर पर पुलिस और प्रशासन की सख्ती के कारण, क्षेत्र में विवाद का कारण बन गई है.

नूरी जामा मस्जिद की स्थापना 180 साल पहले हुई थी, और यह ललौली कस्बे में बांदा सागर मार्ग पर स्थित है. यह मस्जिद क्षेत्र के मुसलमानों के लिए धार्मिक महत्व रखती है, और कई वर्षों से यहाँ नमाज़ अदा की जाती रही है. लेकिन पिछले कुछ समय यह मस्जिद विवादों में घिरी हुई थी, क्योंकि इसे सड़क चौड़ीकरण की योजना के तहत बाधा माना जा रहा था. स्थानीय प्रशासन को यह महसूस हुआ कि मस्जिद का एक हिस्सा सड़क के विस्तार में आ रहा था जिसके कारण यातायात की सुगमता में रुकावट आ रही थी. प्रशासन ने इस हिस्से को हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की, जिसे लेकर मस्जिद के पास रहने वाले लोगों में आक्रोश फैल गया.

मस्जिद के ध्वस्तीकरण के दौरान, प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस बल की भारी तैनाती की गई थी. क्षेत्र में एएसपी, एडीएम, आरएएफ, पीएसी और अन्य पुलिस कर्मियों की टीम मौजूद थी. साथ ही ड्रोन के माध्यम से पूरे इलाके पर नज़र रखी जा रही थी, ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा या अशांति की स्थिति उत्पन्न न हो. हालांकि इस मसले की सुनवाई 13 दिसंबर को हाईकोर्ट में होगी, जहाँ अदालत इस मामले पर फैसला सुनाएगी, लेकिन उससे पहले इसे योगी सरकार द्वारा तोड़ दिया गया.

नूरी जामा मस्जिद के ध्वस्तीकरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि मस्जिद का तोड़ा जाना पूरी तरह से न्याय के खिलाफ है. और यह भी सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी थी, तो फिर इस मस्जिद पर क्यों कार्रवाई की जा रही है. उनका कहना था कि यह कार्रवाई देश के संविधान और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, क्योंकि संविधान ने सभी नागरिकों को अपनी धार्मिक आज़ादी का अधिकार दिया है.

मस्जिद को लेकर प्रशासन और मुस्लिम समुदाय के बीच बढ़ती अनबन से स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है. इस कार्रवाई ने देश की राजनीती और समाज में भी हलचल मचा दी है. इस मुद्दे पर अब तक जो प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं, वह स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि यह मामला केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि एक संवेदनशील धार्मिक और राजनीतिक मुद्दा बन चुका है. इस विवाद का समाधान किस प्रकार निकलता है, यह समय बताएग.

Author

  • Abida Sadaf

    आबिदा सदफ बीते 4 वर्षों से मीडिया से जुड़ी रही हैं। इन्किलाब अखबार से अपने पत्रकारिता जीवन की शुरूआत की थी। आबिदा सदफ मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जनपद की रहने वाली हैं.

    View all posts

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

वक्फ संशोधन एक्ट पर केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाख़िल.

New Delhi: वक्फ संशोधन अधिनियम पर केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल 2025 को हलफनामा दाखिल कर दिया है और...

More Articles Like This