India: भारत के प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास, जो अपनी कविताओं और शायरी के लिए जाने जाते हैं, पिछले कुछ समय से विवादों में घिरे हुए हैं. उनका यह नया प्रयास लगातार सुर्खियों में रहने का है, और वह अब राजनीति और समाज के विभिन्न पहलुओं पर अपनी खुलकर राय रख रहे हैं, जिससे उनकी विवादित टिप्पणियाँ बढ़ती जा रही हैं.
कुमार विश्वास के लिए यह कोई नया मामला नहीं है. उन्होंने पहले भी कई बार समाज और राजनीति पर अपनी आलोचनात्मक और विवादास्पद टिप्पणियाँ की हैं. हाल ही में उन्होंने एक कार्यक्रम में सैफ अली खान और करीना कपूर के बेटे तैमूर के नाम पर बयान दिया था, जो काफी चर्चित हुआ. उन्होंने तैमूर के नाम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग देश की संस्कृति को नजरअंदाज कर रहे हैं. मायानगरी में बैठने वालों को समझना होगा कि ये देश क्या चाहता है. अब ये चलेगा नहीं कि लोकप्रियता हमसे लोगे, पैसा हम देंगे, टिकट हम खरीदेंगे, हीरोइन हम बनाएंगे, हीरो हम बनाएंगे और तुम्हारी तीसरी शादी से औलाद होगी तो उसका नाम तुम बाहर से आने वाले आक्रमणकारी के नाम पर रख लोगे.
कुमार विश्वास का समाज में अपनी राय रखने का तरीका अक्सर आलोचनाओं का शिकार बनता है. कुछ साल पहले, एक प्रोग्राम में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के मरने की कामना की थी, और साथ ही उन्होंने सानिया मिर्जा के बारे में यह कहकर विवाद पैदा किया था कि, “वह किसी भी पिच पर ढंग से नहीं खेल पा रही थी तो एक पिच और ट्राई कर ली”. यही नहीं, महिलाओं को लेकर उनकी टिप्पणियाँ अक्सर समाज में असहमति पैदा करती हैं. एक कार्यक्रम में उन्होंने महिलाओं के वस्त्रों को लेकर टिप्पणी की थी, जिससे उनकी मानसिकता पर सवाल उठे थे. उनका कहना था कि “वस्त्र का आकार घटने के साथ, एक दिन बेस्ट डिजाइनिंग अवार्ड भगवान को मिलेगा.”
कुमार विश्वास, जो पहले धर्मनिरपेक्षता और हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के पक्षधर थे, अब इस मुद्दे पर भी अपनी राय बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने हाल ही में बयान दिया कि “भारत की संस्कृति के प्रति नफरत पैदा करने की एक साजिश हुई है” और इससे साफ था कि वह धार्मिक सौहार्द को लेकर एक अलग रुख अपनाने लगे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कुछ साम्प्रदायिक बयान भी दिए हैं, जिनका विरोध हो रहा है. उनका कहना है कि “हिंदुत्व के पक्षधर लोग अब नफरत की राह पर चलने लगे हैं.”
इससे पहले भी उन्होंने मेरठ में एक कवि सम्मेलन के दौरान सुनाक्षी सिन्हा और उनके मुस्लिम साथी के बारे में आपत्तिजनक बातें की थीं, जो उनके तर्कहीन और नफरत भरे दृष्टिकोण को दर्शाता है. इसके अलावा, उनका एक और विवादित बयान सामने आया था जब उन्होंने केरला की नर्सों को “काली पीली” कहकर उनका मजाक उड़ाया था, जो कि आलोचनाओं के केंद्र में आ गया था। कुमार विश्वास ने श्रीलंका के क्रिकेट खिलाड़ियों पर भी टिप्पणी की थी, जो उनके रंग को लेकर असंवेदनशीलता का प्रतीक थी. ऐसा लगता है कि कुमार विश्वास अब अपनी राजनीतिक लाइन बदलने के पक्ष में हैं.
कुमार विश्वास अपने बयानों में जिस तरह से साम्प्रदायिक मुद्दों पर बोलना शुरू किया है, वह संकेत देता है कि वह बीजेपी के रुख की ओर बढ़ सकते हैं. उनका हालिया बयान तैमूर के बारे में और अन्य विवादित टिप्पणियाँ इस बात का इशारा करती हैं कि वह अब उसी राजनीतिक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जहां पर ऐसी बातें आसानी से स्वीकार की जाती हैं. उनकी टिप्पणी और बदलती सोच पर चर्चा तेज हो गई है. जहां एक तरफ वह अपनी कविताओं और लेखनी से समाज को जागरूक करने की कोशिश करते हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके बयान अक्सर विवादों का कारण बनते हैं.