New Delhi: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश के कई हिस्सों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिल्ली, मुंबई और उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट है और पर्यटन स्थलों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार के स्तर पर भी कई अहेम फैसले लिए गए हैं। सीसीएस (सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति) की बैठक ढाई घंटे तक चली। इस बैठक में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका पर भी चर्चा हुई और उसके बाद पांच बड़े फैसले लिए गए हैं।
विदेश सचिव ने इन पाँचों फैसलों का ऐलान किया। इनमें से पहला फैसला यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पांच नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर दोनों देशों के बीच समझौता किया गया था, लेकिन इस समझौते पर अभी रोक लगा दी गई है, और यह रुका हुआ है, यह ख़त्म नहीं हुआ है. दूसरा फैसला ये है कि पंजाब के अंदर जो अटारी-वाघा सीमा है और वहां पर जो चेक पोस्ट है। इसे फिलहाल बंद कर दिया गया है।
दूसरा फैसला ये है कि पंजाब के अंदर जो अटारी-वाघा सीमा है और वहां पर जो चेक पोस्ट है। इसे फिलहाल बंद कर दिया गया है।
अटारीचेक पोस्ट पर एक व्यापार द्वार भी है और लोग वहां से भी आते-जाते हैं। तो इस चेक पोस्ट को बंद कर दिया गया है। और तीसरा फैसला यह है कि सार्क वीजा के तहत रह रहे भारत के अंदर पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने को कहा गया है। यह सार्क वीज़ा कोई रेगूलर वीज़ा नहीं होता है, बल्कि एक छूट वीज़ा है।
दक्षिण एशियाई देशों के बीच यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए एक योजना बनाई गई थी और ऐसे लोगों के लिए निकासी वीज़ा की व्यवस्था की गई। चूंकि पाकिस्तान भी सार्क देशों में शामिल है, इसलिए इस वीजा पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने को कहा गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अब पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा के तहत भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
याद रखें कि सार्क वीज़ा किसी सामान्य पाकिस्तानी नागरिक को नहीं, बल्कि पाकिस्तान में किसी पद पर आसीन व्यक्ति को उपलब्ध होता है। जो पाकिस्तानी व्यवस्था का हिस्सा होता है। इसके अतिरिक्त, चौथा फैसला यह है कि भारत के अंदर सभी पाकिस्तानी रक्षा, नौसेना और सैन्य सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया है। इसका सीधा सा मतलब है कि उनकी मौजूदगी अब भारत में स्वीकार नहीं है।
साथ ही पाकिस्तान में मौजूद भारतीय सलाहकारों को भी वापस बुला लिया गया है। इसके अलावा पांचवां बड़ा फैसला ये लिया गया है कि भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग की क्षमता कम कर दी गई है। तो ये हैं भारत सरकार द्वारा लिए गए पांच बड़े और महत्वपूर्ण फैसले।