New Delhi:यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए, जिन में 1009 उम्मीदवारों ने कामियाबी हासिल की| इस बार पहली पोजीशन शक्ति दुबे और दूसरी पोजीशन हर्शिता गोएल और तीसरी पोजीशन डोंगरे अर्चित प्राग को मिला| वहीं इस बार मुस्लिम उम्मीदवारों का नतीजा उम्मीद से काफी कम रहा|
पिछले साल के मुकाबले में संख्या अधिक होने के बजाए आधी रह गई| पिछले साल हालात अच्छे ना होने के बावजूद 51 उम्मीदवारों ने कामियाबी हासिल की थी| लेकिन इस बार सिर्फ 26 मुस्लिम उम्मीदवार कामियाब हो सके| टाप 20 में भी कोई मुस्लिम उम्मीदवार अपनी जगह नहीं बना पाया| इरम चौधरी को 40वाँ रैंक मिला|
उसके अलावा अधिकतर उम्मीदवारों ने कम रैंक हासिल किए| इस बार कामियाब होने वाले 26 उम्मीदवारों में 9 मुस्लिम महिलाओं ने कामियाबी हासिल की जबकी पिछले साल 22 महिला मुस्लिम उम्मीदवार कामियाब हुई थीं|
पिछले साल मुस्लिम उम्मीदवारों की कामियाबी में बढ़ोतरी का सहरा मुस्लिम महिलाओं के सर बांधा गया था, लेकिन इस बार लगता है कि कई बड़ी चूक हो गई जबकि जामिया मिल्लिया से 32 उम्मीदवार और ज़कात फाउंडेशन से 15 उम्मीदवारों ने कमियाबी हासिल की, लेकिन उनमें अधिकतर मुस्लिम नहीं हैं.
कामियाब होने वाले 26 मुस्लिम उम्मीदवार:
- इरम चौधरी
- फर्खन्दा कुरैशी
- मुनीब बट
- अदीबा इनाम अशफ़ाक
- वासीमुर्रहमान
- मुहम्मद नायाब अंजुम
- मुहम्मद हारिस मीर
- मुहम्मद शौकत अज़ीम
- अलीफ़ा खान
- नदिया अब्दुर्रशीद
- नज्मुस्स्लाम
- शकील अहमद
- शाह मुहम्मद इमरान मुहम्मद इरफ़ान
- मुहम्मद आफ़ताब आलम
- मोहसिना बानो
- सय्यद मुहम्मद आरिफ़ मईन
- गुलाम हैदर
- हसन खान
- घांची गज़ाला मुहम्मद हनीफ़
- मुहम्मद सलाह टीए
- सदफ़ मलिक
- यासिर अहमद भट
- जावेद मेव
- नज़ीर अहमद बजरान
- अरशद अज़ीज़ कुरैशी
- इकबाल अहमद
यूपीएससी में कामियाब होने वाले उम्मीदवारों की संख्या में कमी पर मुसलमान शोशल मीडिया पर फ़िक्र मंदी का इज़हार कर रहे हैं| मुस्लिम बुधिजीवी और समर्थक यूपीएससी के इमतिहानात में मुस्लिम उम्मीदवारों की कामियाबी की दर में इज़ाफ़ा न होने पर पहले से ही लगातार फिक्रमंदी का इज़हार कर रहे थे| पिछले साल मुस्लिम उम्मीदवारों ने सख्त मेहनत के साथ न सिर्फ अपनी संख्या में बल्कि अपनी कामियाबी की दर में भी इज़ाफ़ा किया था| उसकी वजह से मुस्लिम बुधिजीवी और समर्थकों में भी ख़ुशी की लहेर दौड़ गई थी लेकिन अब मायूसी है| कामियाब उम्मीदवारों की संख्या में कमी पर शोशल मीडिया पर भी सख्त चिंता का इज़हार करते हुए लोग सवाल कर रहे हैं की आखिर इस बार ऐसा किया हुआ?पिछले साल टाप 10 में दो मुस्लिम उम्मीदवारों के नाम थे| इस बार सिर्फ जामिया मिल्लिया से इरम चौधरी ने 40वाँ रैंक हासिल किया|
यूपीएससी के रेजल्ट पर रददे अमल का इज़हार करते हुए ज़कात फाउंडेशन के सद्र डाक्टर सय्यद महमूद ज़फ़र ने कहा कि इस में मुस्लिम उम्मीदवारों की कोई गलती या मेहनत में कमी नहीं, उन्होंने खुलासा किया कि पुरुषों में कामियाब होने वाले मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या में पहले से इज़ाफ़ा हुआ है, लेकिन इन्टरव्यू के मरहले में इनका इन्तिखाब कम होता जा रहा है| उन्होंने कहा कि यूपीएससी में एक हज़ार असामियां होती हैं| अब हमें इन नियुक्तियों के बारे में भी सोचना होगा|