Gaza: लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के बाद, आखिरकार गाज़ा में इज़रायल और हमास के बीच सीज़फायर समझौता हुआ है. यह समझौता 15 महीने से जारी युद्ध के बीच में दोनों पक्षों की ओर से राहत का एक संकेत माना जा रहा है. कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी ने बुधवार को इस महत्वपूर्ण समझौते का ऐलान किया और कहा कि यह सीज़फायर रविवार से लागू होगा.
इस सीज़फायर समझौते पर कतर की राजधानी दोहा में कई हफ्तों तक बातचीत चली थी, जिसमें मिस्र और अमेरिका भी शामिल थे. अब, इस समझौते के तहत हमास इज़रायल के कैदियों को रिहा करेगा और बदले में इज़रायल भी हमास के कैदियों को छोड़ने पर राज़ी होगा. इस युद्ध में अब तक 50,000 से अधिक लोग अपनी जन गंवा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में निर्दोष बच्चे भी शामिल हैं.
सीज़फायर की प्रक्रिया को तीन चरणों में बांटा गया है. पहले चरण में, जब सीज़फायर लागू होगा, तो हमास द्वारा टीम महिला इज़रायली बंधकों को रिहा किया जाएगा. इसके बाद, सातवें दिन हमास चार और इज़रायली बंधकों को छोड़ेगा. यह प्रक्रिया सात दिन के अंतराल पर चलेगी, जिसमें हमास इज़रायल के तीन बंधकों को हर सप्ताह रिहा करेगा.
दूसरे चरण में, गाज़ा में इज़रायल की सेना को वापस बुलाया जाएगा और इसे गाज़ा की इज़रायली सीमा से 700 मीटर दूर किया जाएगा. इस चरण में, घायल फिलिस्तीनी नागरिकों को इलाज के लिए गाज़ा से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी और राफा क्रॉसिंग को मिस्र के साथ खोला जाएगा. इसके साथ ही, गाज़ापट्टी में इज़रायल की सेना की स्थायी वापसी सुनिश्चित की जाएगी. तीसरे और अंतिम चरण में, बाकी बचे हुए बंधकों के शव सौंपे जाएंगे और गाज़ा में पुननिर्माण का काम शुरु होगा. इस चरण में शांति प्रक्रिया को स्थायित्व प्रदान करने की कोशिश की जाएगी.
इस समझौते को हासिल करने में अमेरिका का भी अहम योगदान रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे अब तक की सबसे कठिन बातचीतों में से एक बताया है. उन्होंने कहा, हम इस बंदु पर इसलिए पहुंचे हैं क्योंकि इज़रायल ने अमेरिका के समर्थन से हमास पर दबाव बनाया. बाइडेन ने स्वीकार किया कि इस समझौते की राह आसान नहीं थीं, लेकिन अमेरिका के कूटनीतिक प्रयासों ने इसे संभव बनाया.
यह समझौता गाज़ा और इज़रायल के बीच दशकों पुराने संघर्ष में नया मोड़ हो सकता है. हालांकि, सीज़फायर को स्थायी बनाने के लिए अभी कई चुनौतियां हैं, लेकिन यह कदम उम्मीद की किरण के रूप में उभर रहा है. दोनों पक्षों के लिए यह एक अहम समय है, जिसमें समझौते को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे. गाज़ा में 15 महीने से चल रहे इस खूनी संघर्ष का अंत हो सकता है, लेकिन शांति की राह अभी भी बहुत लंबी है.