Gaza: गाज़ा युद्ध के बीच एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया, जहां हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को अगवा की गई चार इज़रायली महिला सैनिकों को 25 जनवरी को रिहा किया. बदले में, इज़रायल ने 200 फिलिस्तीनी कैदियों को आज़ाद किया. यह सब गाज़ा युद्धविराम के तहत हुआ, जिसे छह हफ्तों के लिए लागू किया गया है. इस कदम ने दोनों पक्षों के परिवारों के लिए राहत और ख़ुशी का माहौल तैयार किया.
हमास द्वारा रिहा की गई चार सैनिकों में लिरि अलबाग, करीना आरिएव, डेनिएला गिल्बोआ और नामा लेवी शामिल हैं. आइये जानते हैं यह चार महिलाओं के बारे में.
लिरी अलबाग
19 साल की लिरी अलबाग अपनी सैन्य सेवा गाज़ा सीमा पर कर रही थीं, जब उन्हें अगवा किया गया. कैद के दौरान, उन्हें उनके अपहरणकर्ताओं द्वारा खाना पकाने, साफ़-सफाई और बच्चों की देखभाल की ज़िम्मेदारी सौंपी गई. जनवरी 2024 में, हमास द्वारा जारी एक वीडियो में लिरी दिखाई दीं, जो लगभग साढ़े तीन मिनट का था. उनकी रिहाई ने उनके परिवार को गहरे संघर्ष और राहत के बीच उम्मीद की किरण दी है. लिरी का सपना था कि वह इंटीरियर डिज़ाइनर और आर्किटेक्ट बने.
करीना आरिएव
यरुशलम की करीना आरिएव गाज़ा सीमा पर अपनी सेवा के दौरान अगवा की गईं. उनके परिवार के अनुसार, करीना का स्वभाव संवेदनशील और सहानुभूति से भरा हुआ है. करीना एक मनोवैग्यानिक बनने की इच्छा रखती हैं और अपनी सामूहिक सोच और दूसरों की मदद की भावना के लिए जानी जाती हैं. करीना की माँ ने बताया कि 7 अक्टूबर की सुबह उनकी बेटी से आखरी बार बात हुई थी. करिना को खाना बनाना, गाना, नृत्य करना और कविता लिखना बेहद पसंद था. जनवरी 2024 में जारी एक वीडियो में करिना को डेनिएला गिल्बोआ के साथ देखा गया.
डेनिएला गिल्बोआ
पेटा टिकवा की रहने वाली 20 वर्षीय डेनिएला गिल्बोआ अपने संगीत जुनून के लिए जानी जाती हैं. उनकी पहचान उस वीडियो से हुई, जिसे उन्होंने हमले की सुबह अपने बॉयफ्रेंड को भेजा था. डेनिएला एक पेशेवर संगीतकार बनना चाहती हैं. जब उनकी रिहाई की घोषण हुई, तो सोशल मीडिया पर उनके परिवार की ख़ुशी और जश्न के पल वायरल हो गए.
नामा लेवी
20 वर्षीय नामा लेवी एक समर्पित ट्रायथलीट हैं और शांत स्वभाव के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने भारत में अपने बचपन का एक हिस्सा बताया और एक अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय स्कूल से पढ़ाई की. नामा ने बचपन में ‘हैंड्स ऑफ पीस’ कार्यक्रम में भाग लिया था, जो इस्राइलियों, फिलिस्तीनियों और अमेरिकियों को शांति के लिए जोड़ता है. उनकी रिहाई के बाद उनके परिवार ख़ुशी का माहौल है.
हमास द्वारा रिहा किए गए चार इज़रायली सैनिकों के बदले, इज़रायल ने 200 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया. फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई ने भी उनके परिवारों में ख़ुशी और उम्मीद की नई लहर पैदा की. इस आदान प्रदान ने संघर्षग्रस्त गाज़ा पट्टी में थोड़ी राहत और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने का काम किया है.
इस कैदियों के आदान-प्रदान ने संघर्ष में मानवता की झलक पेश की. दोनों पक्षों के परिवारों के लिए यह ख़ुशी का पल था. हालांकि यह सवाल अभी भी खड़ा है कि क्या यह संघर्ष का समाधान है या बस एक अस्थायी विराम.