लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अकबरनगर इलाके में बीते 10 जून से बुलडोज़र एक्शन जारी है। फैजाबाद रोड पर स्थित कुकरैल नदी के किनारे हाई वे के दोंन ओर बसे हजरों लोग व्यस्थापित हो रहे हैं।
सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद अकबरनगर के एक हज़ार से अधिक घरों को तोड़े जाने का सिलसिला लगातार जारी है। रोड के किनारे बने 50 से अधिक शोपिंग कॉम्प्लेक्स और दुकानें भी तोड़ी गई हैं।
अकबरनगर के छेत्र को सुप्रीमकोर्ट ने अवैध घोषति किया है। इस छेत्र को इस लिए तोड़ा जा रहा है क्योंकि यहाँ पर रीवरफ्रंट बनाया जाना है और इस के साथ ही लखनऊ का चिड़ियाघर भी इस छेत्र में शिफ्ट होना है। इसी लिए अकबरनगर के इलाके को खली किया जा रहा है।
इस मौके पर बुलडोज़र एक्शन के दौरान भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो सके। इस बीच बीते तीन दिनों में लगभग 200 घरों को गिराया जा चुका है। सुप्रीमकोर्ट के आदेश अनुसार अकबरनगर में रहने वाले लोगों को लखनऊ के आउट स्कर्ट पारा छेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो कमरे का घर दिया जा रहा है।
अब तक सैकड़ों अकबरनगर वासियों ने घर के लिए दरखास्त दी है और उन्हें घर भी दे दिया गया है। हालाँकि अकबरनगर वासियों में मायूसी और नाराज़गी दोनों एक साथ है। मायूसी इस लिए है कि उनका वर्षों पुराना घर तोड़ दिया गया और नाराज़गी इस बात पर है कि उन्हें घर देने के बदले उनसे लगभग 5 लाख रु लिए जा रहे हैं।
लोगों का कहना है कि अगर उनके घरों को तोड़ा गया है तो कम से कम घर के बदले घर दिया जाना चाहिए पैसा नहीं लेना चाहिए, क्योंकि बहुत लोग ऐसे हैं जो पैसे देने की हालत में नहीं हैं। इस लिए घर के बदले घर दिया जाता तो उचित रहता। यही कारण है कि लोगों के बीच नाराज़गी और मायूसी दोनों एक साथ है।