Monday, April 28, 2025
No menu items!

बुलडोज़र कार्यवाही की घटनाओं पर एपीसीआर की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट जारी

उदयपुर और मध्य प्रदेश की घटनाएं: उदयपुर और मध्य प्रदेश के छतरपुर में हालिया घटनाओं का ज़िक्र करते हुए रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे सांप्रदायिक दंगों के बाद राशिद खान और कांग्रेस नेता हाजी शहज़ाद अली के घरों पर बुलडोज़र चलाया गया। फैक्ट फाइंडिंग टीम के मुताबिक, प्रशासन ने इन मामलों में दबाव के चलते उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और केवल दो घंटे में घरों को ढहा दिया गया।

Must Read

नई दिल्ली, 30 अगस्त 2024: एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) ने देश में हो रही बुलडोज़र कार्यवाही की घटनाओं पर अपनी विस्तृत फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान जारी की गई, जिसमें बताया गया है कि देशभर में चल रही बुलडोज़र कार्यवाही का इस्तेमाल केवल मुस्लिम समुदाय के घरों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष: एपीसीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कार्यवाही बदले की राजनीति के तहत की जा रही है। मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह और सांसद प्रोफेसर मनोज झा ने इस कार्यवाही को “अवैध” बताते हुए इस पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि भारतीय कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी के घर को ध्वस्त करने की सज़ा देता हो। उन्होंने कहा, “यह खेल केवल वोट पाने के लिए खेला जा रहा है और लोकतंत्र के मूल्यों पर हमला है।”

उदयपुर और मध्य प्रदेश की घटनाएं: उदयपुर और मध्य प्रदेश के छतरपुर में हालिया घटनाओं का ज़िक्र करते हुए रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे सांप्रदायिक दंगों के बाद राशिद खान और कांग्रेस नेता हाजी शहज़ाद अली के घरों पर बुलडोज़र चलाया गया। फैक्ट फाइंडिंग टीम के मुताबिक, प्रशासन ने इन मामलों में दबाव के चलते उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और केवल दो घंटे में घरों को ढहा दिया गया।

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया: प्रेस कॉन्फ्रेंस में हर्ष मंदर ने कहा, “पहले बुलडोज़र का इस्तेमाल गरीबों के घरों को निशाना बनाने के लिए किया जाता था, लेकिन अब एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। हमें इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए क्योंकि कल आपके घर के सामने भी बुलडोज़र खड़ा हो सकता है।” वजाहत हबीबुल्लाह ने कहा कि यह कार्यवाही न केवल अवैध है, बल्कि यह देश के 20 प्रतिशत नागरिकों को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास है।

एपीसीआर का कानूनी कदम: एपीसीआर के राष्ट्रीय सचिव नदीम खान ने जानकारी दी कि बुलडोज़र कार्यवाही के खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है और इस मामले की सुनवाई 2 सितंबर, 2024 को होने वाली है। उन्होंने कहा कि न्यायालय में इस मामले को मजबूती से उठाया जाएगा ताकि इस प्रकार की कार्रवाइयों को रोका जा सके।

मीडिया और विपक्ष पर सवाल: वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने मुख्यधारा मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि “मुख्यधारा मीडिया खुद सरकार की कठपुतली बनकर काम कर रहा है।” उन्होंने विपक्षी दलों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और कहा कि “जब कांग्रेस के नेता के घर पर बुलडोज़र चला, तब जाकर कांग्रेस को इस पर बोलना पड़ा।”

निष्कर्ष: एपीसीआर ने इस रिपोर्ट के माध्यम से यह मांग की है कि सरकार इस प्रकार की बदले की राजनीति से प्रेरित कार्यवाही को तत्काल रोके और निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करे। एपीसीआर ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करें।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

वक्फ संशोधन एक्ट पर केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाख़िल.

New Delhi: वक्फ संशोधन अधिनियम पर केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल 2025 को हलफनामा दाखिल कर दिया है और...

More Articles Like This