लखनऊ: वर्तमान समय में हम जिस समाज में रह रहे हैं वहां से नैतिकता का पतन हो रहा है। बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर कोई नैतिकता की उस सीमा को लांघ चुका है जिसके आधार पर हमारी विशालतम संस्कृति का विकास हुआ था और जिस सीमा के अंतर्गत गौरव और सम्मान के साथ धरती पर रहने के लिए हमें ईश्वर ने भेजा था।
हम आज उस दौर में प्रवेश कर चुके हैं जहां आज़ादी के नाम पर हमने हर प्रकार की नैतिकता को ख़तम कर दिया गया है। जिस कारणवश समाज में अंसतुलन पैदा हो गया। बेलगमाम आज़ादी की डोर पकड़ कर हमारी युवा पीढ़ी उस दलदल में कूद गई जिसमें उसे हताशा, निराशा, अवसाद और आत्महत्या जैसे सांपों ने चारों ओर से डस लिया है। इस भयानक दलदल से निकलने का एकमात्र उपाय यही है कि हम फिर से अपने उन नैतिक मूल्यों को अपनाएं जिस पर हमारी संस्कृति और सभ्यता की नींव पड़ी थी। इन विचारों का प्रकट जमात ए इस्लामी हिन्द की सेक्रेटरी शाईस्ता रफअत ने किया।
समाज को जागरुक करने के उद्देश्य से जमाअत-ए-इस्लामी हिंद की महिला विंग ने एक राष्ट्रव्यापी अभियान ‘नैतिकता ही स्वतंत्रता का आधार’ के शीर्षक से चलाने का आह्वान किया है। जिसके संबंध में दिनांक 1 सितंबर 2024 को प्रेस क्लब लखनऊ में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद उत्तर प्रदेश पूरब की महिला विंग ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया।
जिसमें जमाअत-ए-इस्लामी हिंद महिला विंग की नेशनल सेक्रेटरी शाईस्ता रफअत ने कहा कि ‘समाज में नैतिक मूल्यों के पतन के कारण महिलाओं को एक वस्तु के रुप में देखा जाता है जिस कारण देश में यौन उत्पीड़न और बलात्कार की घटनाएं निरंतर इस कदर तेज़ी से बढ़ती जा रही हैं कि अब महिलाएं घर से बाहर निकलने में भी खौफ महसूस करती हैं। इस खौफ और असुरक्षा से छुटकारा दिलाने का एकमात्र रास्ता यह है कि एक बार फिर से नैतिक मूल्यों को समाज में वापिस स्थापित किया जाए।
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद उत्तर प्रदेश पूरब महिला विंग की सेक्रेटरी साजिदा अबुललैस फलाही ने कहा कि नैतिक मूल्यों के पतन के कारण आज हमारा समाज ऐसे मोड़ पर पहुंच गया है कि जो कार्य पहले बुरे समझे जाते थे और छिपकर किये जाते थे वे अब खुले आम बिना किसी अपराध बोध के हो रहे हैं। समाज में इस प्रकार की बुराईयां फैलने में अनैतिकता ही मूल कारण है। हम नैतिक मूल्यों में गिरावट को दूर कर के ही सार्थक परिवर्तन ला सकते हैं।
इस राष्ट्रव्यापी अभियान की उत्तर प्रदेश (पूरब) संयोजक ज़ैनबुल गज़ाली ने इस मौके पर राष्ट्रव्यापी अभियान का परिचय कराते हुए बताया कि जमाअत-ए-इस्लामी महिला विंग इस मुद्दे पर पूरे सितंबर माह अभियान चलाएगी। जिसके अंतर्गत सेमिनार, चर्चा परिचर्चा, युवाओं व महिलाओं के बीच संवाद कार्यक्रम, क्विज़ प्रतियोगिता आदि आयोजित किए जाएंगे। समाज में नैतिक मूल्यों के प्रति जागरुकता लाने के लिए सभी धर्म के लोगों से मिलकर उनके साथ सामूहिक प्रयास किये जाएंगे ताकि हमारी भारतीय संस्कृति की गौरवशाली चमक बरकरार रहे।