Saturday, March 15, 2025
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एक नया ऑनलाइन धोकाधड़ी का तरीका (डिजिटल अरेस्ट)

इस तरह के मामलों से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है और किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए. क्यूंकि यह ध्यान रखें कि कोई भी सरकारी एजेंसी ऑनलाइन पूछताछ नहीं करती है

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Iram Fatima
Iram Fatima
मेरा नाम इरम फातिमा है। मैं मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हूं और मैंने पत्रकारिता करियर दो साल पहले एक अखबार के साथ शुरू किया था और वर्तमान में पिछले कुछ महीनों से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हूं और ग्लोबल बाउंड्री में असिस्टेंट कंटेंट प्रोडूसर के रूप में काम कर रही हूं।

Crime: डिजिटल विकास के साथ साइबर अपराध की चुनैतियां भी बढ़ गई हैं. लोगो को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगा जा रह है, इसमें अपराधी लोगों को ऑनलाइन डराते हैं. इस धोकाधड़ी में अपराधी पीड़ितों को यह बताते हैं कि वह किसी सरकारी एजेंसी के ज़रिये अरेस्ट हो गए हैं और उन्हें जुर्माना या पेनल्टी चुकाना होगा.

डिजिटल अरेस्ट का यह तरीका कानून में मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन इसके बढ़ते हुए मामलों ने इसे एक गंभीर समस्या बना दिया है, कई बार ऐसे मामले सामने आते है जहाँ ठगी करने की कोशिश करने वाले सफल नहीं हो पाते, लेकिन फिर भी यह घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. इस तरह की ठगी का मुख्य लक्ष्य पढ़े लिखे और कानून की जानकारी रखने वाले लोग होते हैं. इन से डराकर फिरौती मांगी जाती है. यदि पीड़ित के खाते में पैसे नहीं होते, तो उन्हें लोन लेने के लिए मजबूर किया जाता है. ठग कॉल या विडियो कॉल के ज़रिये अपने आपको को सरकारी एजेंसी का व्यक्ति बताता है और साथ ही विडियो कॉल पर पुलिस की वर्दी पहनकर पीड़िता को धमकाता और डराता है.

विशेषज्ञों के अनुसार, यह ठग लोगों को डराने के लिए कई रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं. उनमें से एक तरीका यह है कि ठग किसी कुरियर का नाम लेकर कहते है कि उसमें गलत सामान आया है, जैसे ड्रग्स या कोई नशीली पदार्थ. इसके बाद वह पीड़ित को बताते हैं कि उन्हें इससे जुड़ी जांच का सामना करना पड़ेगा. इसके साथ यह भी कहते हैं कि पीड़ित के बैंक खाते से फाइनेंशियल फ्रॉड से संबंधित ट्रांस्जैकशन हुए हैं. इस भय के ज़रिये भी लोगों को फंसाया जाता है.

इस तरह के मामलों से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है और किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए. क्यूंकि यह ध्यान रखें कि कोई भी सरकारी एजेंसी ऑनलाइन पूछताछ नहीं करती है. यदि आपको किसी सरकारी एजेंसी से कोई संदेश मिलता है, तो सीधे संबंधित विभाग से संपर्क करे. अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड या ऐसी कोई भी जानकरी को साझा न करे और अनजान लिंक पर क्लिक करने से भी बचे.

डिजिटल अरेस्ट से जुड़े अपराधों के लिए विभिन्न सज़ा का प्रावधन है. गलत दस्तावेज़ बनाने, ठगी करने और सरकारी एजेंसी को गुमराह करने के लिए कठोर दंड का प्रावधान है. इसके अलावा, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी सज़ा निर्धारित की गई है. हालाँकि अभी तक इस धोकाधड़ी के पीछे काम कर रहे संगठित गिरोह का कोई ठोस खुलासा नहीं हुआ है, जिससे लोगों में डर और असुरक्षा बढ़ रही है. लोगों को सावधान रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविध के मामले में तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए.

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  • Iram Fatima

    मेरा नाम इरम फातिमा है। मैं मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हूं और मैंने पत्रकारिता करियर दो साल पहले एक अखबार के साथ शुरू किया था और वर्तमान में पिछले कुछ महीनों से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हूं और ग्लोबल बाउंड्री में असिस्टेंट कंटेंट प्रोडूसर के रूप में काम कर रही हूं।

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