Sport: भारतीय बैडमिंटन ने पिछले कुछ दशकों में वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण पहचान बनाई है. इस खेल में देश के कई खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा और मेहनत से न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपना लोहा मनवाया है. ऐसे ही कुछ प्रमुख खिलाड़ी हैं, जिन्होंने भारतीय बैडमिंटन को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है.
आइये जानते हैं बैडमिंटन के इन सितारों के बारे में
प्रकाश पादुकोण (Prakash Padukone) का जन्म 10 जून 1955 को कर्नाटक में हुआ था. यह भारतीय बैडमिंटन के पहले सुपरस्टार माने जाते हैं. उन्होंने 1980 में ऑल इंगलैंड चैंपियनशिप जीतकर भारतीय बैडमिंटन का मान बढ़ाया. प्रकाश पादुकोण की इस एतिहासिक विजय ने देश के युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया. इसके अलावा, उन्हें 1982 में अर्जुन पुरस्कार और 2001 में पद्मा श्री जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था.
पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) का जन्म 16 जून 1973 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम ज़िले के नगन्दला में हुआ था. उन्होंने 2001 में ऑल इंगलैंड चैंपियनशिप जीतकर भारत का नाम रौशन कराया. गोपीचंद अब एक सफल कोच के रूप में भी जाने जाते हैं. उन्होंने कई युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया है, जिनमें साइना नेहवाल और पीवी सिंधु जैसे नाम शामिल हैं.
साइना नेहवाल (Saina Nehwal) का जन्म 17 मार्च 1990 को हिसार, हरियाणा में हुआ था. यह भारतीय बैडमिंटन की पहली महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 2012 के ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था, और 2015 में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक भी जीता. 2010 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार और 2016 में पद्मा भूषण से सम्मानित किया गया था. साइना ने खेल को एक नई दिशा दी है और आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन गई है.
पीवी सिंधु (PV Sindhu) का जन्म 5 जुलाई 1995 को आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में हुआ था. उन्होंने बैडमिंटन में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की है. 2016 के रियो ओलंपिक में उन्होंने सिल्वर मैडल जीता, जबकि 2019 में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया. उनके पास कई ग्रैंड प्रिक्स और सुपर सीरिज़ खिताब हैं. पीवी सिंधु को 2016 में पद्मा श्री और 2020 में पद्मा भूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था. सिंधु ने भारतीय बैडमिंटन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई है.
किदांबी श्रीकांत (Kidambi Srikanth) का जन्म 7 फरवरी को आंध्र प्रदेश राज्य के गुंटूर में हुआ था. यह 2017 में बैडमिंटन विश्व महासंघ (BWF) द्वारा दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी बने. उन्होंने भारत के लिए 2014 और 2017 में कई सुपर सीरिज़ खिताब जीते. किदांबी की उपलब्धियों ने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया है कि वह भी अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं.
यह सभी खिलाड़ी न केवल भारतीय बैडमिंटन के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि उन्होंने वैश्विक स्तर पर भी देश का नाम बढ़ाया है. उनकी मेहनत और सफलता ने आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया है कि वह इस खेल में अपने कदम बढ़ाएं. भारतीय बैडमिंटन का भविष्य उज्ज्वल है, और यह खिलाड़ियों की प्रतिभा और संघर्ष की कहानी से भरा हुआ है.