Crime: हनी ट्रैप एक ऐसी चाल है जिसमें शहद जैसे मीठे शब्दों, आकर्षण और छिपे हुए इरादों का इस्तेमाल कर के किसी को अपने जाल में फंसाया जाता है. अकसर इस तरह के मामलों में महिलाओं का इस्तेमाल ज़्यादा किया जाता है. जिसमें आमतौर पर खूबसूरत महिलाएं किसी पुरुष को अपना शिकार आसानी से बना लेती हैं.
आज के समय में हनी ट्रैप के मामले काफी बढ़ गए हैं, खासकर सोशल मिडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर. ऐसे मामलों में शिकार करने वाले लोग अकसर बेहद चालाक और रणनीति से काम करते हैं. इस ट्रैप के पीछे 6-7 लोगों का एक ग्रुप होता है. यह एक ऐसा ट्रैप है जिसमें महिला किसी पुरुष से ऑनलाइन किसी प्लेटफार्म के ज़रिये दोस्ती करती है, शुरुआत में सब कुछ सामान्य और आकर्षक लगता है, लेकिन जब शिकार का भरोसा जीत लेती हैं, तब वह अपने असली इरादों में आ जाती हैं और शिकार को ब्लैकमेल करना शुरू कर देती हैं.
हनी ट्रैप के ऑनलाइन और ऑफलाइन दो तरीके होते हैं. पहले तो वह सोशल मीडिया के ज़रिये उनसे दोस्ती करती हैं. शुरुआत में बात चीत सामान्य होती है धीरे धीरे शिकार के भरोसे को जीतने के लिए उन्हें एहसास कराती हैं कि वह उनकी समस्याओं, खुशियों और अन्य पहलुओं में दिलचस्पी रखती हैं. जब उसका विश्वास जीत लेती हैं, फिर कुछ समय बाद वह शिकार को निजी संदेश भेजने या वीडियो कॉल पर बात करने के लिए राज़ी कर लेती हैं. इसके बाद वह शिकारी को ऐसी स्थिति में फंसा देती हैं, जिसमें शिकार को अपनी इज़्ज़त और आत्म सम्मान की चिंता होती है. वह उसको ब्लैकमेल करती है, डर और शर्मिंदगी के कारण उसे उनकी मांग पूरी करनी पड़ती है.
हनी ट्रैप का दूसरा तरीका ऑफलाइन का है. वह किसी व्यक्ति से दोस्ती करती हैं, फिर वह अपने आप को एक आम और भरोसेमंद व्यक्ति दिखाती हैं, ताकि शिकार को उनके इरादों पर शक न हो. इसके बाद शिकारी को व्यक्तिगत मुलाकात के लिए होटल में मिलने का प्रस्ताव देती हैं. होटल के कमरे में वह शिकार को शराब या कोई नशा करने को राज़ी करती हैं फिर उसके साथ निजी हरकत करती हैं, और बाद में वह उसकी तस्वीरें और वीडियो बना लेती हैं. जिससे उसको ब्लैकमेल करके भारी रकम हासिल कर सकें. शिकारी को धमकाया जाता है कि यदि वह उसकी मांग पूरी नहीं करता, तो यह वीडियो और तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देंगे. जिससे उसकी इज़्ज़त और जीवन को नुक्सान होगा.
हनी ट्रैप एक गंभीर धोकाधड़ी की योजना है, जो किसी के जीवन को पूरी तरह से बदल सकती है. ऐसे मामलों में फंसे हुए व्यक्ति अपनी इज़्ज़त के खातिर कुछ नहीं कर पाते और न ही वह किसी से कुछ साझा करते है. यहां तक की कुछ लोग तो बेइज़्ज़ति के डर से आत्महत्या कर लेते हैं.
इसीलिए समाज को इस बारे में जागरूक करना और लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी देना बेहद ज़रूरी है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और लोगों को ऐसे खतरों से बचाया जा सके. अगर कभी ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न हो, तो बिना देर किए पुलिस से संपर्क करना सबसे उचित कदम है.