Friday, March 14, 2025
No menu items!

जानिए अमेरिकी डॉलर की वैल्यू कैसे घटती बढ़ती है?

वैसे तो कई ऐसे कारण है जिनसे अमेरिकी डालर की वैल्यू कम ज्यादा होता रहता है, लेकिन यहाँ पर 7 ऐसे करक दिए जा रहे हैं, जो बहुत सामान्य रूप से अमेरिकी डालर की वैल्यू के घटने औ बढ़ने में अहम भूमिका निभाते हैं।

Must Read
admin
adminhttps://globalboundary.in/
सलीम आजाद बीते 9 वर्षों से मीडिया इंडस्ट्री में हैं। 2015 में न्यूज़ चैनल JK 24x7 से पत्रकारिता की शुरुआत की उसके बाद मुसिफ टीवी और फिर ETV भारत हैदराबाद में काम किया और बीते लग भाग 4 वर्षों से ग्लोबल बाउंड्री के डिजिटल प्लेटफार्म पर सक्रिय हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जनपद बलरामपुर के रहने वाले हैं लेकिन पढ़ाई-लिखाई लखनऊ में हुई है। राजनीति और इंटरनेशनल ख़बरों में विशेष रूप से रूचि रखते हैं।

देखिए कि डॉलर के मूल्य में किन कारणों से उतार-चढ़ाव होते हैं:

1. ब्याज दरें (Interest Rates) : जब फेडरल रिजर्व बैंक की तरफ से Interest Rates बढ़ाए जाते हैं, तो यह उच्च रिटर्न की उम्वामीद करने वाले investors के लिए डॉलर बेस property को अधिक आकर्षक बना देता है। इससे डॉलर की मांग बढ़ जाती है, और इस का प्रभाव सीधे डालर पर पड़ता है और डालर के मूल्य में इजाफा हो जाता है।

2. आर्थिक विकास (Economic Growth): मजबूत आर्थिक विकास और positive economic indicators और मजबूत जीडीपी ग्रोथ, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ाते हैं। जैसे जैसे बेरोजगारी का कम से कम होना आदि। इसके बाद डॉलर की मांग बढ़ जाती है और डालर की मांग बढ़ने से डालर के मूल्य में इजाफा हो जाता है।

3. सुरक्षित पनाहगाह स्थिति (Safe Haven Status)geopolitical uncertainty या बाजार की अस्थिरता के समय में, निवेशक अक्सर सुरक्षित-संपत्ति की तलाश में रहते हैं, जहाँ वह निवेश कर सकें और अमेरिकी डॉलर को ऐतिहासिक रूप से सुरक्षित ठिकाना माना जाता रहा है। इन हालात में डॉलर की मांग बढ़ जाती है और इस कारण से भी डालर के मूल्य में इजाफा हो जाता है।

4. व्यापार अधिशेष (Trade Surplus): अगर अमेरिका की तरफ से import कम और export ज्यादा होता है तो इस से Surplus पैदा होता है, इन हालत में भी डॉलर की मांग बढ़ जाती है. क्योंकि विदेशी संस्थ अमेरिकी प्रोडक्ट्स खरीदने डालर में भुगतान करते हैं, इन हालत में डालर की स्तिथि मज़बूत हो जाती ही और डालर के मूल्य में इजाफा हो जाता है।

5. राजनीतिक स्थिरता (Political Stability): राजनीतिक स्थिरता और policy predictability भी किसी मुद्रा के मूल्य को प्रभावित कर सकती है। जिस दश में राजनीतिक माहौल स्थिर होता है ऐसे देशों को निवेश के लिए सुरक्षित माना जाता है, जिससे न केवल डॉलर मज़बूत होता है बल्कि ऊनकी मुद्रा में भी मजबूती आती है।

6. मुद्रास्फीति (Inflation) : जब अमेरिका में महंगाई कम होती है, तो डॉलर खरीदने की छमता बढ़ जाती है, जिससे डॉलर अधिक मज़बूत हो जाता है और इन हालात में भी डॉलर की वैल्यू बढ़ जाती है।

7. अटकलें (Speculation): विदेशी मुद्रा बाजार (foreign exchange market) में सट्टा व्यापार का खेल भी डालर की मजबूती और कमज़ोरी का कारण बनता है। अगर लोगों को लगता है कि डॉलर मजबूत होगा, तो लोग इसे खरीदने लगते हैं। इस तरह अधिक डालर की खरीद से डालर मज़बूत होता चला जाता है।

यह और इस के अलावा कई कारण से से अमेरिकी डॉलर की वैल्यू में उतार चढ़ाव आता है। वैसे तो कई ऐसे कारण है जिनसे अमेरिकी डालर की वैल्यू कम ज्यादा होता रहता है, लेकिन यहाँ पर 7 ऐसे करक दिए जा रहे हैं, जो बहुत सामान्य रूप से अमेरिकी डालर की वैल्यू के घटने औ बढ़ने में अहम भूमिका निभाते हैं।

Author

  • admin

    सलीम आजाद बीते 9 वर्षों से मीडिया इंडस्ट्री में हैं। 2015 में न्यूज़ चैनल JK 24x7 से पत्रकारिता की शुरुआत की उसके बाद मुसिफ टीवी और फिर ETV भारत हैदराबाद में काम किया और बीते लग भाग 4 वर्षों से ग्लोबल बाउंड्री के डिजिटल प्लेटफार्म पर सक्रिय हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जनपद बलरामपुर के रहने वाले हैं लेकिन पढ़ाई-लिखाई लखनऊ में हुई है। राजनीति और इंटरनेशनल ख़बरों में विशेष रूप से रूचि रखते हैं।

    View all posts

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जीवन परिचय.

India: मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, जिनका जन्म 11 नवंबर, 1888 को मक्का, सऊदी अरब में हुआ था, भारतीय इतिहास...

More Articles Like This