Friday, March 14, 2025
No menu items!

क्या बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा पुरी से चुनाव जीत जाएंगे?

वैसे तो पुरी लोकसभा सीट बीजू जनता दल के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है लेकिन 2019 में बीजेपी इतनी करीब पहुंच गई थी कि बीजेडी के पिनाकी मिसरा केवल जीत ही पाए थे।

Must Read

भुवनेश्वर: भारत के राज्य ओडिशा में लोकसभा की कुल 21 सीटें हैं, उनमे से एक पुरी लोकसभा सीट है जहाँ से बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। पुरी सीट पर छठे चरण में 25 मई को मतदान हो चुका है और सबकी नज़रें इस बात पर हैं कि क्या संबित पात्रा यहाँ से जीत सकते है?

तो चलिए समझते हैं कि इस सीट पर संबित पात्रा की स्तिथि क्या है? वैसे संबित पात्रा 2019 में भी इसी सीट से चुनावी मैदान में थे लेकिन मोदी लहर के बावजूद चुनाव हार गए थे और इस बार भी वह बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर पुरी सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

दरअसल संबित पात्रा ने पिछले दिनों चुनावी प्एरचार के दौरान एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि “भगवान जगन्नाथ भी मोदी के भक्त हैं“। दूसरे शब्दों में कहें तो  संबित पात्रा ने धर्म के नाम पर मोदी की चापलूसी भी की और लोगों पर धर्म का पाउडर भी छिड़क दिया ताकि लोग मोदी को दैवीय शक्ति मान कर उन्हें वोट दे दें।

हालांकि, संबत पात्रा को भगवान जगन्नाथ वाली बात भारी पड़ गई क्योंकि इसी बात पर विपक्ष ने उन्हें घेर लिया और लोगों से कहा कि बीजेपी का उम्मीदवार पागल हो गया है। वह बकवास कर रहे हैं। विपक्ष ने उन पर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का भी आरोप लगाया।

वैसे पिछली बार नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता जल के उम्मीदवार पिनाकी मिसरा से संबित पात्रा करीब 12 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। लेकिन इस बार मामला उलझता नजर आ रहा है. आपको बता दें कि पुरी लोकसभा क्षेत्र में कुल 7 विधानसभा की सीटें हैं। इनमें से सिर्फ 2 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है जबकि बाकी 5 सीटों पर बीजेडी का कब्जा है।

अगर पुरी लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो 1952 के बाद से बीजेपी इस सीट से एक बार भी जीत हासिल नहीं कर पाई है. 1952 से 1996 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। लेकिन 1998 से अब तक बीजू जनता दल का कब्जा है। हालांकि 2009 से बीजेपी ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने शुरू किए। 2009 और 2014 में बीजेपी तीसरे नंबर पर रही। बीजेडी पहले स्थान पर, कांग्रेस दूसरे स्थान पर और भाजपा तीसरे स्थान पर रही। लेकिन 2019 में बीजेपी दूसरे नंबर पर आ गई और संबित पात्रा बहुत करीब पहुँच कर पिनाकी मिसरा से चुनाव हार गए।

2019 में पिनाकी मिसरा को 5 लाख 38 हजार 321 वोट मिले जबकि संबत पात्रा को 5 लाख 26 हजार 607 वोट मिले यानी संबित पात्रा और पिनाकी मिसरा के बीच हार जीत का अंतर लग भग 12 हज़ार वोटों का था।

इस बार बीजेडी ने पिनाकी मिसरा की जगह सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी अरूप पटनायक को टिकट दिया है। वह मुंबई के पुलिस कमिश्नर भी रह चुके हैं। अरूप पटनायक ने इससे पहले 2019 में बीजेडी के टिकट पर भुवनेश्वर से चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी उम्मीदवार से लग भग 19,000 वोटों से हार गए थे। देखते हैं इस बार क्या होता है और  दोनों उम्मीदवारों में से कौन खाता खोल पाता है।

वैसे तो पुरी लोकसभा सीट बीजू जनता दल के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है लेकिन 2019 में बीजेपी इतनी करीब पहुंच गई थी कि बीजेडी के पिनाकी मिसरा केवल जीत ही पाए थे। तो इस बार कुछ भी हो सकता है। हालांकि, ग्राउंड रिपोर्ट देखने से पता चलता है कि संबत पात्रा का बयान नुकसान पहुंचाने वाला है।

वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर जयनारायण को मैदान में उतारा है। पिछली बार इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी सत्य प्रकाश नायक को आटे में नमक के बराबर वोट मिले थे। उन्हें केवल 44 हजार 734 वोट ही मिले थे और वह तीसरे नंबर पर थे। सोचिए कि कभी इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा था लेकिन अब क्या हो गया है. इसलिए इस बार भी कांग्रेस को ज्यादा उम्मीद करने की जरूरत नहीं है।

वैसे मुकाबला सीधे बीजेडी और बीजेपी के बीच है। अब देखना होगा कि क्या बीजेपी पहली बार पुरी सीट पर बीजेपी जीत दर्ज कर पाती है या नहीं?

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जीवन परिचय.

India: मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, जिनका जन्म 11 नवंबर, 1888 को मक्का, सऊदी अरब में हुआ था, भारतीय इतिहास...

More Articles Like This