Friday, March 14, 2025
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मौलाना सज्जाद नोमानी और एमआईएम के समर्थन का पूरा विवाद

महाराष्ट्र में 20 नवंबर 2024 को विधानसभा चुनाव होने हैं और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. इस बार के चुनाव को लेकर पूरे राज्य में हलचल मची हुई है.

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Iram Fatima
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मेरा नाम इरम फातिमा है। मैं मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हूं और मैंने पत्रकारिता करियर दो साल पहले एक अखबार के साथ शुरू किया था और वर्तमान में पिछले कुछ महीनों से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हूं और ग्लोबल बाउंड्री में असिस्टेंट कंटेंट प्रोडूसर के रूप में काम कर रही हूं।

Maharashtra: मौलाना सज्जाद नोमानी का नाम इन दिनों महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर काफी चर्चा में है. 13 नवंबर 2024 को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में अपने समर्थन का ऐलान किया था, लेकिन उनके इस फैलसे ने एमआईएम के समर्थकों के बीच हंगामा मचा दिया है. ख़ास तौर पर उन्होंने एमआईएम के कुछ उम्मीदवारों के खिअलाफ़ दूसरे दलों के उम्मीदवारों का समर्थन किया, जिसकी वजह से उनकी आलोचना हो रही है और कुछ जगहों पर तो उन्हें मारने की धमकी भी दी जा रही है.

महाराष्ट्र में 20 नवंबर 2024 को विधानसभा चुनाव होने हैं और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. इस बार के चुनाव को लेकर पूरे राज्य में हलचल मची हुई है. दरअसल, सज्जाद नोमानी ने करीब आधे घंटे का प्रेस कांफ्रेंस किया था जिसमें उन्होंने महाविकास आघाड़ा के 269 उम्मीदवारों को समर्थन किया है, जिसमें 169 उम्मीदवार और ओबीसी समुदाय से हैं, 53 एससी एसटी उम्मीदवार हैं और 22 मुस्लिम उम्मीदवारों का भी समर्थन किया है. इसके अलावा, उन्होंने कई महत्वपूर्ण सीटों पर दुसरे दलों के उम्मीदवारों का समर्थन किया है, जिनमें समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट्स शामिल हैं. मौलाना सज्जाद नोमानी के इसी समर्थन के बाद में एमआईएम के समर्थक उनके खिलाफ हो गए.

मौलाना सज्जाद नोमानी ने जिस 16 उम्मीदवारों का समर्थन किया, उनमें से दो एमआईएम के उम्मीदवार थे. इनमें से एक मालेगांव सेंटर से मुफ़्ती इस्माइल कासमी है और दूसरे सोलापुर सिटी सेंटर से फारुख शाब्दि हैं. हालांकि, बाकी 14 पर उन्होंने एमआईएम के उम्मीदवारों के खिलाफ अन्य दलों के उम्मीदवारों का समर्थन किया. यह सीटें बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इनमें से कुछ सीटों पर तो एमआईएम के उम्मीदवार पहले भी चुनाव जीत चुके हैं. मौलाना सज्जाद नोमानी के इसी समर्थन के बाद में एमआईएम के समर्थक उनके खिलाफ हो गए.

मौलाना सज्जाद नोमानी की आलोचना सबसे ज़्यादा उन सीटों को लेकर हो रही है, जो पहले से एमआईएम के प्रभाव क्षेत्र में रही हैं. इन सीटों में औरंगाबाद, नांदेड़, धुलिया, भीमंडी और कुल्ला यह पांच सीटें हैं प्रमुख हैं. औरंगाबाद सीट को लेकर सबसे ज़्यादा विवाद उठ रहा है. एमआईएम के नेता इम्तियाज़ जलील यहाँ से चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मौलाना सज्जाद नोमानी ने उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अब्दुल गफ्फार का समर्थन किया, और इम्तियाज़ जलील को उन्होंने नजरअंदाज किया है. वहीं दूसरी तरफ धुलिया सीट पर भी उन्होंने एमआईएम के उम्मीदवार के समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार शा जहांगीर दर समर्थन किया है. यह कदम भी एमआईएम  समर्थकों के लिए चौका दें वाला था, क्योंकि फारुक अनवर शाह पहले से इस सीट पर मज़बूत स्थिति में थे.

भिवंडी पश्चिम सीट पर एमआईएम के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मौलाना सज्जाद नोमानी ने उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के रियाज़ आज़मी का समर्थन किया है. वारिस पठान को लेकर भी आलोचना की जा रही है, क्योंकि वह एमआईएम के बेबाक और मुखर नेता माने जाते हैं. इस तरह नांदेड़ साऊथ से एमआईएम के खिलाफ वंचित आघाड़ी के उम्मीदवार सैयद मोईन का समर्थन भी मौलाना सज्जाद नोमानी ने किया है. और पांचवी कुरला सीट पर एमआईएम की महिला उम्मीदवार एडवोकेट असमा शेख चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मौलना सज्जाद नोमानी ने उनके खिलाफ आज़ाद उम्मीदवार डॉक्टर जोसना जाधव का समर्थन किया है. समझने के बाद वहां के हालात को समझने के बाद यह देखते हुए कौन फासिस्ट ताकतों से जीत सकता है और कौन ताकतों के खिलाफ मजबूती के साथ खड़ा है हम उनका समर्थन करते हैं.

ने इन सभी फैसलों को लेकर कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ समाज के भले के लिए है. उन्होंने कहा, हमने यह फैसला स्थानीय परिस्थितियों को समझकर, लोगों से मशवरा करने के बाद लिया है. हम उन नेताओं को समर्थन दे रहे हैं जो फासीवादी ताकतों के खिलाफ मज़बूती से खड़े हैं और जिनके पास जनता का विश्वास है. उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए ज़रूरी था कि चुनाव में जिन कैंडिडेट्स को समर्थन दिया जा रहा है, वह न केवल अपन समुदाय बल्कि समाज के अन्य वर्गों के हितों की रक्षा करने में सक्षम हों. मौलाना सज्जाद नोमानी द्वारा किए गए समर्थन के फैसले पर एमआईएम के नेता इम्तियाज़ जलील ने कहा की वह सज्जाद नोमानी का वह बहुत सम्मान करते हैं और उनके प्रति उनकी मोहब्बत में कोई कमी नही है वह हमारे उल्लामा है और हम उनकी इज्ज़त करते हैं.

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  • Iram Fatima

    मेरा नाम इरम फातिमा है। मैं मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हूं और मैंने पत्रकारिता करियर दो साल पहले एक अखबार के साथ शुरू किया था और वर्तमान में पिछले कुछ महीनों से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हूं और ग्लोबल बाउंड्री में असिस्टेंट कंटेंट प्रोडूसर के रूप में काम कर रही हूं।

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