Delhi: शिक्षक से नेता बने अवध ओझा का सफर बेहद दिलचस्प है. उत्तर प्रदेश गोंडा ज़िले से ताल्लुक रखने वाले अवध ओझा, जिनके नाम से लाखों छात्र परिचित हैं, आज केवल एक शिक्षक नहीं, बल्कि एक प्रसिद्ध नेता भी बन चुके हैं. आइये जानते हैं शिक्षक से नेता बनने तक का सफर.
अवध ओझा की राजनीति में एंट्री ने उन्हें और अधिक प्रसिद्धि दिलाई. उन्होंने शिक्षक और समाज सेवा की सोच को राजनीति में भी लागू करने का निर्णय लिया और आम आदमी पार्टी (AAP) जॉइन की. सूत्रों के मुताबिक उनकी AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात हो चुकी हैं. केजरीवाल ने पार्टी का पटका डालकर और टोपी पहनाकर उनका स्वागत किया। ओझा अब UPSC की पढ़ाई के अलावा राजनीतिक क्षेत्र में भी अपनी जगह बना चुके हैं. उनका यह कदम खास तौर पर उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो शिक्षक और समाज सेवक केवल शिक्षा के क्षेत्र तक ही सिमित रहते हैं.
अवध ओझा का जन्म गोंडा में हुआ था, जहाँ उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की. वह बचपन से ही पढ़ाई में आगे रहते थे, और उनका सपना था कि वह UPSC की परीक्षा पास करके IAS अधिकारी बनें. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत भी की, लेकिन किस्मत ने उनक साथ नहीं दिया और वह UPSC क्लीयर नहीं कर पाए. इस असफलता के बाद भी ओझा ने हार नहीं मानी और अपना रास्ता बदल लिया. उन्होंने कोचिंग सेंटर खोलने का फैलसा किया.
ओझा ने 2005 में दिल्ली के मुखर्जी नगर में अपना पहला UPSC कोचिंग सेंटर शुरू किया. यहाँ से उनका शिक्षक बनने की यात्रा ने एक नया मोड़ लिया. उनका पढ़ाने का तरीका इतना प्रभावशाली था कि देखते देखते उनकी कोचिंग क्लासेस में छात्रों की मात्रा बढ़ने लगी. ओझा की सफलता का सबसे बड़ा कारण उनका कोचिंग सेंटर है, जिससे वह एक बड़ी संपत्ति कमा रहे हैं. उनकी अनुमानित संपत्ति करीब 11 करोड़ रूपये तक बताई जा रही है. इसके अलावा वह यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से भी कमाई का रहे हैं.
अवध ओझा केवल शिक्षक ही नहीं, बल्कि एक मोटिवेशनल स्पीकर भी बन चुके हैं. उनके द्वारा ही जाने वाली स्पीचेस छात्रों और आम जनता में भारी प्रेरणा का स्त्रोत बन चुकी हैं. और अब उनका राजनीति में कदम उन्हें और भी प्रसिद्धि दिलाएगा. शिक्षक से लेकर नेता बनने तक के सफर ने उन्हें केवल एक प्रेरणास्रोत ही नहीं, बल्कि एक उदाहरण बना दिया है, जिस पर लाखों लोग गर्व कर सकते हैं.