Saturday, March 15, 2025
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“एक राष्ट्र एक चुनाव” विधेयक को दी मंज़ूरी

एक साथ चुनावों के विचार को लेकर गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं. समिति ने कहा है कि एक साथ चुनाव की प्रक्रिया को दो चरणों में लागू किया जाएगा. पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ आयोजित किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव

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Abida Sadaf
Abida Sadafhttp://globalboundary.in
आबिदा सदफ बीते 4 वर्षों से मीडिया से जुड़ी रही हैं। इन्किलाब अखबार से अपने पत्रकारिता जीवन की शुरूआत की थी। आबिदा सदफ मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जनपद की रहने वाली हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रीमंडल ने “एक राष्ट्र एक चुनाव” विधेयक को मंज़ूरी दे दी है. इस निर्णय से भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय शुरू होने की संभावना है, क्योंकि यह देश की चुनाव प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव ला सकता है.

एक राष्ट्र एक चुनाव (One Nation, One Election) का मतलब है कि देश में एक साथ लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव होंगे. इस पर लंबे समय से बहस चल रही थी, और अब प्रधानमंत्री मोदी ने इस विचार का समर्थन किया है. उनका मानना है कि इससे चुनावी खर्चों में कमी आएगी और देश की राजनीति में स्थिरता आएगी.

इस मुद्दे पर पहले भी चुनाव आयोग, नीति आयोग, विधि आयोग और संविधान समीक्षा आयोग विचार कर चुके हैं. हाल ही में, विधि आयोग ने इस पर चर्चा के लिए एक तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. इस कॉन्फ्रेंस में कुछ राजनीतिक दलों ने इस विचार का समर्थन किया, जबकि ज्यादातर दलों ने इसका विरोध किया. उनका कहना था कि यह विचार लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ हो सकता है और इससे छोटे दलों के अधिकारों पर असर पड़ेगा.

एक साथ चुनावों के विचार को लेकर गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं. समिति ने कहा है कि एक साथ चुनाव की प्रक्रिया को दो चरणों में लागू किया जाएगा. पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ आयोजित किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव, जैसे पंचायत और नगर पालिका चुनाव, आम चुनावों के 100 दिनों के भीतर कराए जाएंगे.

नरेंद्र मोदी ने 2019 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर “एक राष्ट्र एक चुनाव” के विचार को देश के सामने रखा था. इस विचार को उठाते हुए कहा था कि चुनावों को एक साथ आयोजित करने से सरकारी खर्चों में कमी आएगी, चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी, और प्रशासनिक तंत्र पर कम दबाव पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि इससे राजनीतिक दलों को अपने कार्यकाल में समय का बेहतर इस्तेमाल करने का अवसर मिलेगा, और देश में राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा.

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  • Abida Sadaf

    आबिदा सदफ बीते 4 वर्षों से मीडिया से जुड़ी रही हैं। इन्किलाब अखबार से अपने पत्रकारिता जीवन की शुरूआत की थी। आबिदा सदफ मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जनपद की रहने वाली हैं.

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