Gaza: 15 फरवरी, 2025 को गाज़ा के खान यूनिस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिला, जब हमास ने तीन इज़रायली कैदियों को रिहा किया. यह रिहाई कार्यक्रम याह्या सिनवार के जन्मस्थल खान यूनिस में आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में न केवल याह्या सिंवर बल्कि अन्य हमास नेता जैसे मुहम्मद ज़ैफ, मारवान ईसा, रफ़ी अल-सलामा की तस्वीरें भी लगाई गई, जिन्होंने अल-अक्सा की लड़ाई में अपनी जान गंवाई.
गाज़ा के लोग इस रिहाई कार्यक्रम का गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में एकत्रित हुए थे. ख़ास बात यह रही कि इस मौके पे याह्या सिनवार की यादों को ताज़ा करने के लिए उनकी तस्वीर वाला एक बड़ा बैनर लगाया था. रिहा किए गए इज़रायली कैदियों का नाम था अलेक्जेंडर ट्रोफानोव, सगुई डेसेल चेन और यायर हॉर्न. इन तीनों की रिहाई को लेकर पहले से तय की गई प्रक्रिया का पालन किया गया. हमास के सदस्य सुरंगों में जाकर इन कैदियों के पास पहुंचे, उन्हें लिफाफा दिया गया जिसमें इनकी रिहाई की घोषणा थी.
हमास द्वारा इन तीन इज़रायली कैदियों की रिहाई के बदले में 369 फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त किया जाएगा. यह रिहाई युद्धविराम समझौते का हिस्सा है, जिसमें पहले ही चरण में कुल 33 इज़रायली कैदियों को रिहाई का उल्लेख किया गया था, जबकि इज़रायल लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त करेगा.
इस रिहाई को लेकर अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी धमकी दी थी कि 15 फरवरी तक सभी कैदियों को रिहा किया जाए, अन्यथा गाज़ा में विनाश किया जाएगा. हालांकि, संघर्षविराम समझौते में स्पष्ट किया गया था कि रिहाई टुकड़ों में होगी और पहला चरण 42 दिनों का होगा. ट्रंप का यह बयान इस तथ्य से मेल नहीं खाता, क्योंकि संघर्षविराम समझौते के तहत रिहाई का यह तरीका पहले से तय है.
इस बीच, इज़रायली सेना ने पिछले 26 दिनों से जेनिन क्षेत्र में सैन्य ऑपरेशन जारी रखा है, जिसके तहत 470 घरों और प्रतिष्ठानों को नष्ट किया गया है. वेस्ट बैंक के जेनिन और तुल्कर्म क्षेत्रों में इज़रायली सेना ने छापे मारे और कई फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया. इन सैन्य कार्रवाईयों ने फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए एक और कठिन दौर खड़ा कर दिया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दृष्टिकोण से इन घटनाओं को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है.
गाज़ा और वेस्ट बैंक में चल रही सैन्य गतिविधियों और मानवीय संकट के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का रूख इज़रायल के पक्ष में दिखता है. एक ओर, हमास द्वारा इज़रायली कैदियों की रिहाई की जा रही है, वहीं दूसरी ओर, इज़रायली सेना ने फिलिस्तीनियों पर कठोर कार्रवाई जारी रखी है.