खुद को फ़कीर कहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कितने पैसे हैं? मोदी ने अपने 23 पन्नों के हलफनामा में सब कुछ बता दिया है.
जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में बनारस से अपना नामांकन दाखिल किया, तो यह पता चला कि वह शादीशुदा थे क्योंकि उन्होंने अपनी वैवाहिक स्टेटस वाले बॉक्स में अपनी पत्नी जशोदाबेन का नाम लिख कर पूरे देश को चौंका दिया था.
इस बार जब मोदी ने 14 मई को बनारस से नामांकन दाखिल किया तो लोगों की नजर इस पर थी कि मोदी के पास कितना पैसा है। क्योंकि नामांकन फाइल में प्रत्येक उम्मीदवार को यह बताना होता है कि उसके पास कितना पैसा है। उन पर कितने केसेस चल रहे हैं, वो शादीशुदा हैं या नहीं हैं आदि।
तो इस बार जब मोदी ने अपनी नामांकन फ़ाइल में लिखा कि उनके पास कितना पैसा है, तो हर कोई हैरान रह गया कि एक गरीब आदमी के पास इतना पैसा कैसे हो सकता है। यानी अगर कोई गरीब आदमी अपने पास करोड़ों रुपये होने का दावा करे तो लोग चौंक जाएंगे.
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हलफनामे में बताया है कि उनके पास कुल 3 करोड़ 2 लाख 6 हजार 889 रुपये की संपत्ति है.
23 पन्नों की इस फाइल में मोदी ने हर तरह की जानकारी दी है. नतीजा यह निकला कि उनके पास 3 करोड़ से अधिक रु की संपत्ति है. इस के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने मोदी पर खूब चुटकी ली. किसी ने कहा कि आप हमारे 15 लाख रु लेकर करोड़पति बन गए और हमें कटोरा पकड़ा कर पकौड़े बेचने के लिए छोड़ दिया। किसी ने आलोचना करते हुए कहा कि मोदी झूला लेकर जाने की बात कर रहे हैं, लेकिन करोड़ों रुपये उसी झोले में रखे हुए हैं. इसलिए 4 जून को जब वह झोला उठाने की तैयारी करेंगे तो हम सभी लोग इस झोले को जरूर चेक करेंगे. उन्हें आसानी से जाने नहीं देंगे. क्योंकि इसी झोले में गरीबों की आहें रखी होंगी. मजलूमों की सिसकियाँ होंगी। अडानी और अंबानी के प्रति सहानुभूति होगी. इस झूले में न जाने कितने बच्चों का भविष्य रखा होगा. इसलिए झोला जरूर चेक होगा.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने बेहद गैरजिम्मेदाराना तरीके से बात की थी और कहा था कि हमारा क्या हम तो गरीब आदमी है जी, झोला लेकर चल पड़ेंगे. इसलिए लोगों ने उनके इस बात की कड़ी आलोचना की है कि किसी देश का प्रधानमंत्री इतनी गैरजिम्मेदारी से कैसे बात कर सकता है कि ऐसे ही छोड़कर चला जाएगा.
वहीं लोगों को इस बात पर भी आपत्ति थी कि खुद को फकीर बताते हैं लेकिन करोड़पति बने बैठे हैं. और मोदी ने हमें फकीर बनने के लिए बेसहारा छोड़ रखा है।