दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए 25 मई को चुनाव होने के बाद अब सबकी नजरें 4 जून पर हैं कि दिल्ली की कमान कौन संभालता है.
जब से अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आए हैं, तब से दिल्ली में उथल-पुथल मची हुई है. अरविंद केजरीवाल लगातार लोगों से कह रहे हैं कि अगर आप कमल का बटन दबाएंगे तो बीजेपी आपके मुख्यमंत्री को फिर से जेल में डाल देगी. और अगर आप झाड़ू का बटन दबा देंगे तो मुझे जेल में नहीं रहना पड़ेगा. ये भावनात्मक अपील दिल्ली के लोगों की सोच भी बदल रही है.
दरअसल, ये बातें उन स्विंग वोटरों के लिए कही गई हैं जो माहौल देखकर अपना मन बनाते हैं. वे किसी भी पार्टी के सच्चे वोटर नहीं होते हैं. वहीं बताया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल का भावुक भाषण काम भी कर रहा है. तभी तो न्यूज 24 के एक इंटरव्यू में अरविंद केजरीवाल बेबाकी से कहते सुने गए कि पहले हमें एक भी सीट मिलने की उम्मीद नहीं थी लेकिन हमारे जेल जाने के बाद पूरा माहौल बदल गया है. और अब हम दिल्ली की सातों सीटें जीतने जा रहे हैं.
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों पार्टियाँ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही हैं. आम आदमी पार्टी ने 4 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस को तीन सीटें मिली हैं. इस तरह एक तरफ इंडिया गठबंधन का संयुक्त उम्मीदवार है तो दूसरी तरफ बीजेपी अकेले मैदान में है. वैसे तो 2019 में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सातों सीटों पर कब्जा कर लिया था और इस बार भी 400 पार की बात कर दिल्ली पर कब्जा करने की बात कही जा रही है, लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के एक साथ आने से यह आसान नहीं रह गया है।
तो आइए जानते हैं दिल्ली की सबसे चर्चित सीट उत्तर पूर्वी दिल्ली की, जहां से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार कन्हैया कुमार मैदान में हैं और बीजेपी से मनोज तिवारी उम्मीदवार हैं. मनोज तिवारी यहीं से सांसद भी हैं और तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं जबकि कन्हैया कुमार पहली बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. खास बात है कि दिल्ली की ये सीट कन्हैया कुमार की वजह से सबसे हॉट सीट बन गई है. और सबसे ज्यादा लोगों की नजर इसी सीट पर है।
इस सीट पर आधे मतदाता पूर्वांचल क्षेत्र से आते हैं। यही कारण है कि दोनों दलों ने बिहार के मूल निवासी को अपना उम्मीदवार बनाया है. यह इलाका दिल्ली के सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है. यहां मुस्लिम मतदाताओं की भी बड़ी आबादी है. इसके अलावा उत्तराखंड के लोग भी बड़ी संख्या में यहाँ आबाद हैं।
वैसे पिछले चुनाव में दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दिक्षित ने यहां से कांग्रेस के टिकट पर मनोज तिवारी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गईं थीं। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के एक साथ आने से तस्वीर बदल गई है. और मुकाबला कांटे का हो गया है. बल्कि यहां से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार कन्हैया कुमार की स्थिति अच्छी मानी जा रही है. साथ ही कन्हैया कुमार के समर्थन में केजरीवाल का रोड शो और हाल ही में कन्हैया कुमार पर हमला, इन सभी कारकों ने कन्हैया कुमार का ग्राफ बढ़ा दिया है और माना जा रहा है कि मनोज तिवार की हैट्रिक अधूरी रह जाएगी.