Friday, March 14, 2025
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कैराना से चुनाव जीतने वाली इकरा हसन चौधरी कौन हैं?

इकरा हसन और राजनीति का काफी पुराना नाता रहा है। तभी तो अखिलेश यादव ने इकरा हसन पर भरोसा जताया और उन्हें कैराना से प्रत्याशी बना दिया। इकरा ने भी उनके भरोसे का मान रखा और 69 हज़ार 116 वोटों से जीत दर्ज कर कैराना लोकसभा की सीट सपा की झोली में डाल दी। इकरा हसन का यह पहला लोकसभा चुनाव है और शुरुआत काफी अच्छी रही है।

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एक ऐसी युवा सांसद जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। अपनी सादगी और मज़बूत आवाज़ से उन्होने यूपी की जनता का दिल जीता लिया है। जी हाँ, नई नवेली सांसद बनी इकरा हसन चौधरी ने उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से शानदार जीत दर्ज की है।

इस चुनावी जंग मे सामाजवादी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ रही महज़ 29 साल की इकरा हसन ने बीजेपी के प्रत्याशी प्रदीप कुमार को बुरी तरह से हरा दिया है। इकरा हसन 5,28,013 वोट पाकर पहले अस्थान पर रहीं, जबकि इस रेस में उनके खिलाफ बीजेपी के उम्मीदवार प्रदीप कुमार को 4,58,897 वोट मिले। दोनों के बीच 69,116 वोटों का अंतर रहा।

इकरा हसन कौन हैं और उन्होंने इस छोटी सी उम्र में यहां तक का सफर कैसे तय किया?

इकरा हसन का जन्म 1995 में उत्तर प्रदेश के कैराना में हुआ था। वह पूर्व सांसद अख्तर हसन की पोती और राजयसभा के पूर्व सांसद रहे मुनव्वर हसन और तबस्सुम हसन की बेटी हैं। उनकी मां तबस्सुम हसन लोकसभा की पूर्व सदस्य रह चुकी हैं, इतना ही नहीं इकरा के भाई नाहिद हसन उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं।

भले ही इकरा की शुरुआती पढ़ाई कैराना से हुई है, लेकिन बाद में उन्होंने दिल्ली के क्विंस मेरी स्कूल से 12 वीं तक की शिक्षा ली। इसके बाद उन्होंने लेडी श्रीराम कालेज से ग्रेजुएशन किया। दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। इसके बाद इकरा हसन आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चली गई और वहां लंदन यूनिवर्सिटी में रहकर इंटरनेशनल लॉ एंड पालिटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

साल 2022 में लंदन से पीएचडी कर रही इकरा को तब अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी जब इकरा की मां पूर्व सांसद तबस्सुम हसन और भाई विधायक नाहिद हसन पर मुकदमा दर्ज हुआ था। 15 जनवरी 2022 को पुलिस ने नाहिद हसन को कोर्ट में गैंगस्टर के मुकदमे में सरेंडर करने से पहले गिरफ्तार कर लिया था और चुनाव से पहले जेल भेज दिया।

भाई नाहिद हसन के जेल जाने के अगले ही दिन से इकरा हसन बड़े पैमाने पर पॉलिटिक्स में एक्टिव हो गईं और लगातार प्रचार-प्रसार में जुट गईं। उन्होंन हसन परिवार की राजनीति की बागडोर अपने हाथों में ले ली। विधानसभा 2022 में नाहिद हसन को जिताने के लिए इकरा ने पहली बार कैंपेन को लीड किया था। लोगों के बीच में जाकर भाई नाहिद हसन के लिए समर्थन बटोरा। आख़िरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उनके भाई ने जीत दर्ज की।

इस तरह इकरा हसन ने पॉलिटिक्स में उतारते ही अपना स्ट्राइक रेट बेहतर बना लिया। इकरा हसन बताती हैं कि उनकी कभी राजनीति में आने की इच्छा नहीं थी। बल्कि वह पीएचडी कर के प्रोफेसर बनना चाहती थी, लेकिन पारिवारिक परिस्थिति ने उनको लंदन से भारत आने पर मजबूर कर दिया।

इकरा ने अपने भाई के चुनाव का सफलतापुर्वक प्रबंधन किया तो वहीँ खुद के लिए भी चुनावी मैदान समतल किया। आख़िरकार 2024 के इस लोकसभा चुनाव में बेहद दमदार अंदाज़ में चुनावी अभियान चलाया, छेत्र में जा जा कर अपने पक्ष में माहौल बनाया, महिला वोटर्स तक सीधी पहुँच बनाने में कामयाबी हासिल की और जब 4 जून को कैराना ने नतीजे आए तो सब लोग इकरा हसन की कामयाबी पर झूम उठे. क्योंकि इकरा हसन चौधरी अब माननीय सांसद बन चुकी थीं।

इकरा हसन का भले ही प्रोफेसर बनने का सपना अधूरा रह गया, लेकिन शायद नियति ने उन्हें किसी बड़े काम के लिए बनाया था और वह समय आ गया जब उनके हाथों में कुछ बड़ा करने की चाबी आ चुकी है, अब वह बड़े पैमाने पर विकास, महिला कल्याण, शिक्षा और गरीबों के उत्थान के लिए काम कर पाएंगी।

इकरा हसन और राजनीति का काफी पुराना नाता रहा है। तभी तो अखिलेश यादव ने इकरा हसन पर भरोसा जताया और उन्हें कैराना से प्रत्याशी बना दिया। इकरा ने भी उनके भरोसे का मान रखा और 69 हज़ार 116 वोटों से जीत दर्ज कर कैराना लोकसभा की सीट सपा की झोली में डाल दी। इकरा हसन का यह पहला लोकसभा चुनाव है और शुरुआत काफी अच्छी रही है।

आप को बता दे कि इससे पहले इकरा हसन ने साल 2016 में पहली बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें 5,000 वोट से हार का सामना पड़ा था। इसके बावजूद वह हार नहीं मानी और कैराना की राजनीति में सक्रिय रहीं। और आज इकरा हसन 543 सांसदों में से एक युवा सांसद बन चुकी हैं। वहीं कहा जा रहा है कि इकरा ने अपनी सादगी से वोटरों का दिल जीता है।

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