देश भर में सभी लोकसभा सीटों के नतीजे सामने आ चुके हैं। ऐसे में लोग ये जानना चाहते हैं कि कुल 543 सांसदों में से कितने मुस्लिम सांसद बने हैं। तो चलिए इस के बारे में जानते हैं।
दरअसल इस बार कुल 78 मुस्लिम उम्मीदवार अलग अलग पार्टियों से चुनावी मैदान में थे। उनमे से 15 मुस्लिम उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की है, जिनमें टीएमसी उम्मीदवार और पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान भी शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी के गढ़ बहरामपुर में 85 हज़ार 22 वोटों के भारी अंतर से हरा दिया है।
वहीँ सहारनपुर से कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद ने 64,542 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है और उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार राघव लखन पाल को करारी शिकस्त दी है।
कैराना की बात करें तो यहाँ से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार इकरा हसन ने बीजेपी के उम्मीदवार प्रदीप कुमार को 69,116 वोटों से हराया है।
गाजीपुर से मौजूदा सांसद अफजाल अंसारी ने 5.3 लाख वोट हासिल कर अपनी सीट जीत ली। अफजाल अंसारी ने अपने विरोधी पारस नाथ राय को एक लाख 24 हज़ार 861 वोटों से हराया है।
इस के अलावा एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद की सीट पर भाजपा की प्रत्याशी माधवी लता को 3,38,087 वोटों के अंतर से हरा दिया।
इसी तरह एक सीट लद्दाख में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मोहम्मद हनीफा ने 27,862 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जबकि एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल रशीद शेख ने 4.7 लाख वोट हासिल करके जम्मू-कश्मीर की बारामुल्ला सीट पर कामयाबी हासिल की है।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह नदवी ने रामपुर सीट पर 4,81,503 वोट हासिल कर जीत हासिल की और बीजेपी के उम्मीदवार घनश्याम लोधी को हरा दिया। वहीँ संभल की सीट पर जिया उर रहमान बर्क ने 1.2 लाख वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी परमेश्वर लाल सैनी के खिलाफ जीत हासिल की है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद ने जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 2,81,794 वोटों से हराया है।
श्रीनगर में एनसी उम्मीदवार आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी को 3,56,866 वोट मिले और शानदार कामयाबी हासिल की।
इस तरह 2024 के लोकसभा चुनाव में कुल 15 मुस्लिम उम्मीदवार जीतकर संसद भवन जाएंगे, जबकि पिछली बार 2019 के चुनाव में 115 मुस्लिम उम्मीदवारों में से 27 मुस्लिम उम्मीदवार जीतने में कामयाब हुए थे, जो कि फीसद के ऐतबार से 3 फीसद के आस पास बनता है। वहीँ इस बार ये आंकड़ा 2 फीसद से भी कम है।