नई दिल्ली: 1जुलाई से नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे ये कानून राजनीतिक और सामाजिक इतिहास में बहुत ही अहम मोड़ साबित हो सकता है।
ब्रिटिश राज्य में लागू मौजूदा दंडनात्मक और अपराधिक न्याय प्रणाली में एक बड़ा बदलाव है। नए नियमों में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करना इलेक्ट्रॉनिक्स साधनो का उपयोग करना जैसे कि एसएम्एस के माध्यम से शिकायत दर्ज करना और सभी अपराधों में अपराध स्थल की विडीयोग्राफी करना।
दूसरी तरफ देश के अलग अलग हिस्सों में नए कानूनों को लागू करने के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है और मांग की जा रही कि पार्लियामेंट में इन कानूनों पर बहस की जाए। क्यूंकि ये कानून अब देश के कानूनी और प्रशासनिक कामों में रीढ़ की हड्डी होंगे।
नई सरकार बनने के बाद ममता बनर्जी ने उन कानूनों को रद्द करने की मांग की और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तीनो कानूनों के लागू करने को स्थगित किए जाने की मांग दोहराई और संसद में फिरसे पेश करने की मांग की।
इसी तरह तमिल नाडू के मुख्यमंत्री एम् के स्टालिन ने इस विषय पर आवाज़ उठाई थी जबकि अखिलेश यादव शरद पवार और अन्य विपक्षी नेता भी कह चुके हैं कि उन पर दोबारा गौर करने कि ज़रूरत है।
इस लिए इनके लिए जल्दबाजी न करें लेकिन इन सब के बावजूद मोदी सरकार ने यह स्वीकार नहीं किया कि इन कानून पर दोबारा गौर करने कि ज़रूरत है।