Delhi: अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य अमेरिका आयोग (USCIRF) ने 2024 की अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत में अल्प्सखियांक सुरक्षित नहीं हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में भारत चिंताजनक देशों की श्रेणी में आता है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में गौरक्षा दलों से जुढ़े लोगों ने अल्प्सखियांक समाज के लोगों की हत्या की है। इतना ही नहीं, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में अल्प्सखियांकों के धार्मिक नेताओं को एकतरफा गिरफ्तार किया गया है और उनके घरों और मस्जिदों पर बुलडोजर चला दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये घटनाएँ धार्मिक स्वतंत्रता की गंभीर उल्लंघन करती हैं।
अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक अल्प संखियकों और उनके धार्मिक स्थलों के खिलाफ उन्मादी हमलों के लिए उकसाया गया। भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए हालात लगातार बिगड़ते रहे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान, विभाजनकारी राष्ट्रीय नीतियों और नफरत को बढ़ावा दिया गया, जिसने मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों, यहूदियों और आदिवासियों को प्रभावित किया।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने और उन्हें वोट देने के अधिकार से वंचित करने के लिए भारत के कानूनी ढांचे में बदलाव किए गए हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम,(CAA) समान नागरिक संहिता (UCC) इस के अलावा धर्मान्तरण और गौ हत्या के खिलाफ कानून बनाए गए हैं।
आयोग ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से भारत को धार्मिक संप्रभुता के व्यवस्थित और गंभीर उल्लंघन में शामिल देश के रूप में शामिल करने की अपील की है।
हरियाणा के मुस्लिम-बहुल नोह जिले में, जुलाई में बहुसंख्यक समुदाय की तीर्थयात्रा के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी, जिसके दौरान बहुसंख्यक समुदाय के लोगों ने तलवारें लहराईं और मुस्लिम विरोधी नारे लगाए। इस बीच मस्जिदों को जला दिया गया, जिसमें एक इमाम सहित सात लोग मारे गए।
इस रिपोर्ट में मोनो मानेसर का भी जिक्र है, जिसपर आरोप है कि उसने दो मुस्लिम युवकों का पहले अपहरण किया, फिर उन्हें जलाकर मार दिया। रिपोर्ट में उस घटना का भी जिक्र है जब जयपुर मुंबई एक्सप्रेस में एक पुलिसकर्मी ने तीन मुसलमानों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
रिपोर्ट में मणिपुर हंसा का भी जिक्र है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में मणिपुर में 500 ईसाई पूजा स्थलों को निशाना बनाया गया, जबकि दो यहूदी सिनेगॉग को भी निशाना बनाया गया। कहा गया कि मणिपुर में 70,000 लोग विस्थापित हुए हैं।
वहीँ इस रिपोर्ट पर भारत सरकार में विदेश राज्य मंत्री रणधीर जयसवाल ने कहा, “हम इस दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट को खारिज करते हैं, जो (यूएससीआईआरएफ) की साख को और कमजोर करती है।