Friday, March 14, 2025
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एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी (धारावी) का रोचक जीवन और अडानी की नियत

धारावी 550 एकड़ में फैला हुआ है और यह इतना घना है कि एक km के दायरे में 2 लाख से अधिक लोग रहते हैं. यहाँ की झुग्गियों में एक सामान्य घर का आकर करीब 100 वर्ग फीट होता है, जिसमें 8 से 10 लोग रहते हैं

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Iram Fatima
Iram Fatima
मेरा नाम इरम फातिमा है। मैं मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हूं और मैंने पत्रकारिता करियर दो साल पहले एक अखबार के साथ शुरू किया था और वर्तमान में पिछले कुछ महीनों से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हूं और ग्लोबल बाउंड्री में असिस्टेंट कंटेंट प्रोडूसर के रूप में काम कर रही हूं।

Mumbai: मुंबई, जिसे देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है, धारावी इसकी एक खास पहचान है. यह सिर्फ मुंबई का एक हिस्सा नहीं है, बल्कि एशिया की सबसे बड़ी स्लम बस्ती है. यहाँ की गलियाँ, संकरी सड़के और झुग्गी बस्तियां कई तरह की कहानियां बयाँ करती हैं. इस स्लम एरिया को संवारने का काम दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडाणी को दिया गया है.

धारावी की बस्ती की नींव अंग्रेज़ों के समय में रखी गई थी. ब्रिटिश साम्राज्य ने इस इलाके को किफायती आवासों के रूप में बसाया था, ताकि यहाँ पर काम करने वाले मजदूरों को एक जगह मिल सके. इस क्षेत्र में झुग्गी बस्तियां धीरे धीरे बढ़ने लगीं, और आज यह क्षेत्र एशिया की सबसे बड़ी स्लम बस्ती बन चुका है. धारावी में कितने लोग रहते है इसका सही आंकड़ा लगाना मुश्किल है, लेकिन एक अनुमान के अनुसार, यहाँ 6 से 10 लाख लोग रहते हैं. इस क्षेत्र में 58,000 परिवारों के साथ साथ करीब 12,000 छोटे छोटे कमर्शियल कॉम्पलेक्स भी हैं.

धारावी 550 एकड़ में फैला हुआ है और यह इतना घना है कि एक km के दायरे में 2 लाख से अधिक लोग रहते हैं. यहाँ की झुग्गियों में एक सामान्य घर का आकर करीब 100 वर्ग फीट होता है, जिसमें 8 से 10 लोग रहते हैं. इनमें से कई झुग्गियां घर के साथ साथ छोटे कारखानों की भी तरह कार्य करती हैं. यहीं पर दिहाड़ी मजदूर, छोटे व्यवसायी और कारीगर अपने रोज़गार के साथ जीवन यापन करते हैं.

धारावी की घनी आबादी और खराब सफाई व्यवस्था के कारण इस इलाके में बीमारियाँ फैलने का खतरा बना रहता है. यहाँ के 80 फीसद लोग सावर्जनिक शौचालयों का इस्तेमाल करते हैं जिसमें साफ सफाई की स्थिति बहुत खराब होती है. इसके बवजूद यहाँ के लोग अपने हालात से समझौता नहीं करते और जीवन जीने के नये रास्ते तलाशते हैं. इस बस्ती में शिक्षा का स्तर भी अच्छा नहीं है, लेकिन फिर भी कई बच्चे स्कूलों में पढ़ने जाते हैं, और कुछ तो उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कामियाब भी होते हैं.

धारावी को संवारने और इसके विकास की प्रक्रिया 2004 में शुरु हुई थी. हालांकि, यह योजना 2022 में ही मंज़ूरी के टेंडर में आई. अब, यह काम अडाणी ग्रुप को सौंपा गया है, जो इस बस्ती का रिडेवलपमेंट करेगा. इस परियोजना में झुग्गियों को हटाकर वहां नए अपार्टमेंट्स बनाए जाएंगे, जहां लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. इसके अलावा, यहाँ की सड़के, पानी और बिजली की व्यवस्था को भी सुधारने की योजना है.

धारावी न केवल अपनी घनी आबादी के लिए जानी जाती है, बल्कि यह अपने भीतर एक संघर्ष की कहानी भी समेटे हुए है, जो समय समय पर समूचे भारत के सामूहिक संघर्ष को दर्शाता है.

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    मेरा नाम इरम फातिमा है। मैं मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हूं और मैंने पत्रकारिता करियर दो साल पहले एक अखबार के साथ शुरू किया था और वर्तमान में पिछले कुछ महीनों से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हूं और ग्लोबल बाउंड्री में असिस्टेंट कंटेंट प्रोडूसर के रूप में काम कर रही हूं।

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