नोकिया जो एक समय में मोबाइल फ़ोन इंडस्ट्री का बादशाह हुआ करता था, जो हर फोन लोगों के हाथों में होता था और अपने मज़बूत निर्माण, लंबी बैटरी जीवन के लिए प्रसिद्ध था. फिर ऐसा क्या हुआ कि नोकिया को अपना सम्राज्य छोड़ना पड़ा. लेकिन अब फिर से नोकिया टेक्नोलोजी के क्षेत्र में अपनी पहचना बना रहा है. आइये जानते हैं इसकी पूरी कहानी.
नोकिया एक फिनलैंड स्थित कंपनी है, जिसे 1865 में फ्रेड्रिक इडेस्टाम ने स्थापित किया था और यह शुरू में एक कागज़ मिल के रूप में शुरू हुई थी. बाद में रबर के उत्पादों, जैसे कि रबर के बूट और केबल भी बनाने शुरू कर दिए. लेकिन समय के साथ यह टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाने में सफल रही. नोकिया ने मोबाइल फोन उद्योग में कदम रखा धीरे धीरे यह मोबाइल फोन का सबसे बड़ा नाम बन गया. इसका खुद का ओएस था सिम्बिय्न्स.
जैसे जैसे समय बदला, लोगों की पसंद भी बदलने लगी. पहले जहाँ मज़बूत फोन की डिमांड थी, अब लोग स्टाइलिश डिज़ाइन और एडवांस फीचर्स वाले स्मार्टफोन्स की ओर आकर्षित होने लगे. 2007 में जब स्टीव जॉब्स ने आईफोन लॉन्च किया. जिसने मोबाइल फोन के डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी को हमेशा के लिए बदल दिया. नोकिया ने इस चुनौती को गंभीरता से नहीं लिया और उन्हें लगा कि आईफोन अपने पहले डिज़ाइन और टच स्क्रीन के बावजूद बाज़ार में ज़्यादा सफल नहीं हो पाएगा. वहीं दूसरी ओर, आईफोन ने स्मार्टफोन की परिभाषा बदल दी और नोकिया का उत्थान धीरे धीरे खत्म होता गया.
नोकिया ने 2008 में अपना स्मार्टफोन N97 लॉन्च किया, जिसे लेकर कंपनी को काफी उम्मीदें थीं. लेकिन इसके फोन में एप्पल और गूगल के स्मार्टफोन से मुकाबला नहीं हो पा रहा था. इस मुश्किल के समय नोकिया के सीईओ स्टीफन लोप ने कंपनी में बदलाव की शुरूआत की. उनका मानना था कि नोकिया को सिंबिय्न्स ओएस की जगह न्या ऑपरेटिंग सिस्टम अपनाना होगा. इस दौरान नोकिया ने माइक्रोसॉफ्ट के ओएस पर काम करने का फैसला किया.
नोकिया ने 2011 में स्मार्टफोन नोकिया लूमिया लॉन्च किया, लेकिन इन फोन का भी बाज़ार में ज़्यादा असर नहीं पड़ा. नोकिया का मार्केट शेयर लगातार गिरता गया. 2014 में नोकिया का न्या सीईओ राजीव सुरी को बना दिया गया था. सुरी इस कंपनी के लिए कोई नए ऑफिशियल नहीं थे, उन्होंने नोकिया 1990 में ज्वाइन किया था और 2009 से यह एनएसएन डिविज़न के सीईओ के तौर पर काम कर रहे थे वो सुरी ही थे जिन्होंने कंपनी के एनएसएन डिविज़न को प्रॉफिटेबल बनाया था ऐसे में उनके एक्सपीरियंस को देखते हुए इस डूबती हुई कंपनी को बचाने का ज़िम्मा सुरी को सौंप दिया गया.
सुरी ने 5g टेक्नोलॉजी पर फोकस करने का फैसला किया उनका मानना था कि 5g टेक्नोलॉजी में नोकिया इंडस्ट्री को अपनी जगह बनानी है तो उन्हें 5g में फर्स्ट मूवर होने का फायदा उठाना होगा. नोकिया ने 5g टेक्नोलॉजी पर फोकस किया और टेलीकॉम कंपनी के साथ साझेदारी करना शुरू किया. नोकिया ने 5g रिसर्च और डेवलपमेंट में भारी निवेश किया। इसके हाई-परफॉर्मेंस चिप्स और नेटवर्क इक्विपमेंट ने दुनिया की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों का ध्यान खींचा।सर्च और डेवलपमेंट में भारी निवेश किया। इसके हाई-परफॉर्मेंस चिप्स और नेटवर्क इक्विपमेंट ने दुनिया की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों का ध्यान खींचा। 2020 तक नोकिया ने 200 से अधिक टेलीकॉम कंपनियों के साथ समझौते किए थे.
नोकिया की नई चिप्स तेज़, छोटे साइज़ की और कम पावर खाने वाली हैं, जो इसे प्रतिस्पर्धियों से अलग बनाती हैं। इसी तकनीक के चलते AT&T और वोडाफोन जैसी कंपनियों ने नोकिया को अपने नेटवर्क के लिए चुना। आज नोकिया के नेटवर्क उपकरणों का उपयोग दुनिया भर की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों द्वारा किया जा रहा है, और 2024 तक नोकिया का 5g मार्केट में 29% का हिस्सा हो चुका है.