Syria: सीरिया में 13 साल जारी गृहयुद्ध और विद्रोह के बाद, राष्ट्रपति बशर अल असद का 50 साल से अधिक पुराना शासन खत्म हो गया है. विद्रोहियों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्ज़ा कर लिया है और असद परिवार को सत्ता से बेदखल कर दिया है. असद अपने परिवार के साथ रूस पहुँच गए हैं, जहाँ उन्हें वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राजनितिक शरण दी है.
दरअसल, 2011 में सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुए थे, जहाँ लोग सरकार से भ्रष्टाचार और लोकतांत्रिक सुधार की मांग कर रहे थे. लेकिन असद सरकार ने इस विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए हिंसा का सहारा लिया, जिसके बाद सीरिया में एक बड़ा गृहयुद्ध शुरू हो गया.
सीरिया में इतने सालों से चल रहे इस युद्ध का 27 नवबंर 2024 को नया मोड़ आया. हयात तहरीर अल शाम नामक एक इस्लामिक समूह, जो इदलिब प्रांत पर शासन कर रहा था, उन्होंने अचानक 13 गावों पर कब्ज़ा कर लिया. कुछ ही दिनों में सीरिया के दूसरे बड़े शहर अलेप्पो, हम और होम्स पर भी कब्ज़ा कर लिया. इन क्षेत्रों पर कब्ज़े के बाद विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क की ओर कदम बढ़ाया और 8 दिसंबर को इस पर भी कब्ज़ा कर लिया. यह असद सरकार के लिए एक बहुत बड़ा धक्का साबित हुआ. विद्रोहियों की इस ऐतिहासिक जीत के बाद, सीरिया के लोगों को एक नई शुरुआत का मौका मिल सकता है.
बशर अल असद का शासन 2000 में उनके पिता हाफ़िज़ अल असद की मृत्यु के बाद शुरू हुआ था. हाफिज़ अल असद ने 1970 में सत्ता में आने के बाद सीरिया में एक मज़बूत और तानाशाही शासन स्थापित किया था. बशर अल असद का शासन भी उसी कड़ी का हिस्सा था. सीरिया के प्रधानमंत्री को हिरासत में रखा गया है, और उनका कहना है कि हम देश छोड़ कर नहीं जाएंगे. मोहम्मद अल जुलानी ने कहा है कि बदले की भावना के साथ कार्रवाई नहीं की जाएगी दया और रहम के साथ सबको माफी दी जाएगी.