Syria: अबू मोहम्मद अल जुलानी का नाम आजकल बहुत चर्चे में है. वह सीरिया में सक्रिय एक संगठन हैअत तहरीर अल शाम HTS के प्रमुख हैं, और उनके ऊपर मनो विवाद और मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. अमेरिका ने उन्हें पकड़ने के लिए एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है.
आइये जानते हैं अबू अल जुलानी के बारे में
अबू अल जुलानी का असली नाम अहमद अल शारा बताया जाता है, जैसा कि उन्होंने 2021 में एक ब्रोडकास्ट के दौरान कहा था. उनका जन्म सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हुआ था, जहां उनके पिता काम करते थे. हालाँकि उनका परिवार सीरिया के गालन इलाके से था. अल जुलानी का बचपन सीरिया की राजधानी दमिश्क में बीता. इस्लामिक चरमपंथी बनने से पहले उन्होंने मेडिसिन की पढ़ाई की थी.
2003 में इराक पर अमेरिका और उसके गठबंधन सेनाओं द्वारा हमले के बाद, अल जुलानी ने जिहादी संगठनों से जुड़ना शुरू किया. अमेरिकी सेना द्वारा ईराक में सदाम हुसैन की सत्ता समाप्त किए जाने के बाद वहां के विभिन्न चरमपंथी समूहों ने प्रतिरोध का सामना किया, और अल जुलानी भी उन्हीं में से एक थे. 2010 में अमेरिकी सेना ने उक्न्हे गिरफ्तार कर लिया और कुवैत के पास स्थित यूका नामक जेल में बंद कर दिया. माना जाता है यही वह वक्त था जब उनकी मुलाकात उन जिहादियों से हुई, जिन्होंने इस्लामिक स्टेट यानि ISIS ग्रुप का गठन किया था. और ISIS के नेता अबू बक्र अल बगदादी से भी उनकी मुलाकात हुई.
सीरिया में 2011 में राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ संघर्ष शुरू हुआ, तब ISIS के नेता अबू बक्र अल बगदादी ने अल जुलानी को सीरिया भेजा और वहां पर एक नई जिहादी शाखा स्थापित करने का निर्देश दिया. इस प्रकार, अल जुलानी ने “नुसरा फ्रंट” नामक एक संगठन की कमान संभाली. इस संगठन का गुप्त संबंध ISIS से था, लेकिन बाद में 2013 में अल जुलानी ने ISIS से नाता तोड़ लिया और इसे अल कायदा के तहत शामिल कर लिया. इसके बाद अल जुलानी ने 2016 में एक रिकॉर्डेड संदेश में अल कायदा से भी अलग होने का भी बताया था.
अल जुलानी ने 2017 में घोषणा की थी उनके लड़ाकों ने सीरिया के अन्य विद्रोही समूहों के साथ मिलकर “हयात अल शाम” (HTS) नामक संगठन का गठन किया है. इस संगठन का उद्देश्य सीरिया में असद शासन को हटाना था. HTS के तहत अल जुलानी ने सीरिया के उत्तर पश्चिमी इलाकों, विशेषकर इदलिब और आसपास ले क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाई और यह एक प्रमुख विद्रोही समूह बन गया.
2021 में अल जुलानी ने बताया था कि उनका उद्देश्य सीरिया में बशर अल असद की सत्ता को समाप्त करना था. उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य पश्चिमी देशों और अमेरिका के साथ समान था, जो असद शासन को हटाने के पक्ष में थे. हालांकि, उनकी जिहादी रणनीति और संगठन को लेकर बहुत से सवाल उठाए गए हैं. आने वाले समय में यह देखना होगा कि अल जुलानी और उनका संगठन किस तरह से सीरिया के राजनितिक परिदृश्य को प्रभावित करते हैं.