डॉ.विकास दिव्यकीर्ति का प्रेरणादायक सफर जो युवाओं के लिए एक मिसाल पेश करता है. उनकी कोचिंग संस्था नें हज़ारों छात्रों को सफलता दिलाई है. उनका छात्रों को पढ़ाने का तरीका अलग है, शिक्षक होनें के साथ वह एक प्रसिद्ध लेखक भी हैं.
विकास दिव्यकीर्ति का जन्म 26 दिसम्बर 1973 को हरियाणा भिवानी जनपद में हुआ था. इनके पिता माहार्षी दयानंद यूनिवर्सिटी में हिंदी के प्रोफ़ेसर थे और माँ भिवानी में एक हिंदी की टीचर थीं. विकास दिव्यकीर्ति के दो भाई है, एक अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर और दूसरे CBI में हैं. घर में शिक्षा का माहौल होनें की वजह से दिव्यकीर्ति की पढ़ाई में बहुत रूचि थी. उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर में पूरी की. इसके बाद ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इस दौरान जब उनकी आर्थिक स्तिथि ख़राब हुई तो उन्हें घर घर जाकर केलकुलेटर बेचने का काम किया. इसके इलावा इन्होंने प्रिंटिंग प्रेस का बिज़नेस भी किया. अपनी मास्टर की डिग्री पूरी करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफ़ेसर के रूप में करियर कि शुरुआत की. उन्होंने PHD और LLB की डिग्री भी हासिल की है.
1996 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की. उन्हें ऑल इंडिया 384 रैंक प्राप्त हुई थी और केंद्रीय सविचालय में राज्य भाषा के डेस्क ऑफिसर के रूप में केवल 6 महीनें तक काम किया. उसके बाद नौकरी छोड़कर पढ़ाई जारी रखी और 1 नवम्बर 1999 में दिल्ली के मुखर्जी नगर में ‘दृष्टि IAS’ कोचिंग की स्थापना की, जिसका उद्देश्य सरल और सहज भाषा में छात्रों को IAS की तैयारी कराना था. यह कोचिंग पहले मुखर्जी नगर तक सीमित थी, लेकिन अब इसकी बहुत सी ब्रांचेंज़ हैं. 2022 में विकास दिव्यकीर्ति नें अपना यूटूब चैनेल शुरू किया, और अब उनके मिलियन सब्सक्राइबर हैं. आज के समय में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को सबसे बेहतरीन शिक्षक माना जाता हैं. विकास दिव्यकीर्ति नें हज़ारों छात्रों को सफलता दिलाई है और उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है.
2022 में, दिव्यकीर्ति को रामायण पर अपनी टिपण्णीयों के कारण भारी आलोचना का सामना करना पड़ा. उन्होंने एक संस्कृत लेखक का हवाला देते हुए कहा की युद्ध के बाद, राम नें सीता से कहा था की “मैनें यह युद्ध तुम्हारे लिए नहीं, बल्कि अपने वंश के सम्मान के लिए लड़ा”. और यह भी कहा कि जैसे कुत्ते द्वारा चाटे गए घी को खाना उचित नहीं होता, उसी तरह सीता के लिए राम उपयुक्त नहीं है. इस बयान के बाद भाजपा नेता प्राची ने एक्स प्लेटफार्म पर दिव्यकीर्ति के वीडियो को शेयर करते हुए उनके कोचिंग संस्थान पर रोक लगाने की मांग की थी.
विकास दिव्यकीर्ति की शादी तरुणा वर्मा से 26 मई 1997 में हुई थी. तरुणा वर्मा से उनकी मुलाकात कॉलेज के दिनों में हुई थी. उनका एक बेटा है, उसका नाम सात्विक दिव्यकीर्ति है. तरुणा विकास दिव्यकीर्ति के साथ मिलकर द्रष्टि कोचिंग संस्थान की सह संस्थापक है. दिव्यकीर्ति को उनके शैक्षिक और सामाजिक योगदान के कार्य के लिए अनेक पुरूस्कारों से समान्नित किया गया है.