Hockey: हॉकी का खेल दुनिया भर में बहुत लोकप्रिय है, इस खेल की शुरुआत लगभग 18वीं सदी में इंग्लैंड में हुई थी. यह एक ऐसा खेल है जिसने अपने रोमांच और कौशल के चलते दुनिया भर में लाखों प्रशंसक बनाए हैं. भारत में हॉकी का आगमन 19वीं सदी के अंत में हुआ था. इसके कई महान खिलाड़ी हैं जिन्होंने इस खेल को नई उंचाइयों तक पहुंचाया है. आइये जानते हैं तीन प्रमुख खिलाड़ियों के बारे में जैसे कि ध्यान चंद, वेन ग्रेट्ज़की और ऑस्टन टेलर मैथ्यूज़.
ध्यान चंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था, उनका असली नाम ध्यान सिंह था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूलों से प्राप्त की. बचपन से ही उनकी हॉकी के प्रति रूचि थी, धीरे धीरे उनकी हॉकी में प्रतिभा सबकी नज़र में आ गई. ध्यान चंद ने 1926 में भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना शुरू किया. उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद 1932 के लॉस एंजेल्स ओलंपिक और 1936 के बर्लिन ओलंपिक में भी कप्तान रहते हुए भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था. उन्होंने अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण गोल किए, जिसके कारण उन्हें हॉकी का ‘जादूगर’ नाम मिला.
वेन ग्रेट्ज़की का जन्म 26 जनवरी 1961 को कनाडा के ब्रेंटफोर्ड, ओंटारियो में हुआ था. यह विश्व के सबसे महान आइस हॉकी खिलाड़ी में से एक माने जाते हैं. ग्रेट्ज़की का हॉकी के प्रति प्रेम बचपन से ही था, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1978 में NHL से की थी. अपने करियर में चार चार अलग अलग टीमों के लिए खेला था. उन्होंने 20 वर्ष के करियर में 894 गोल और 1963 सहायता प्रदान की थी, जो आज भी NHL के रिकॉर्ड में सबसे अधिक है. उनकी खेल शैली और रणनीति उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती थी. ग्रेट्ज़की को हॉकी के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा उन्हें ‘द ग्रेट वन’ उपनाम दिया गया था.
ऑस्टन टेलर मैथ्यूज़ का जन्म 17 सितंबर 1997 को सैन रोमोन, कैलिफोर्निया में हुआ था. यह अपनी युवा करियर से ही हॉकी में काफी सफल रहे. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2016 में NHL के टोरंटो मेपल लीफ्स से की थी. मैथ्यूज़ ने अपने पहले सीज़न में 40 गोल किये, जो उनकी क्षमता का स्पष्ट प्रमाण था. यह सबसे कम उम्र में 50 गोल करने वाले खिलाड़ी बने. उनके खेल के प्रति लगन और मेहनत ने उन्हें जल्द ही पहचान दिलाई. उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें आर्ट रोज़ ट्रॉफी भी शामिल है. मैथ्यूज़ की गति, ताकत और स्केटिंग कौशल उन्हें एक अद्वितीय खिलाड़ी बनाते हैं.
हॉकी को इन तीनों खिलाड़ियों ने अलग अलग तरीकों से प्रभावित किया है. ध्यान चंद ने भारत में हॉकी को एक पहचान दिलाई, वेन ग्रेट्ज़की ने आइस हॉकी को नई उंचाइयों पर पहुंचाया और ऑस्टन टेलर मैथ्यूज़ युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने. इनकी उपलब्धियाँ खेल जगत में अमिट छाप छोड़ती हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनी रहेंगी.